लीज नवीनीकरण में प्राधिकरण ने बनाया रिकॉर्ड…24 घंटे में 135 प्रकरण किए निराकृत
इंदौर। आचार संहिता के चलते प्राधिकरण में भी लम्बित प्रकरणों की फाइलों (Files) का ढेर लग गया था। मगर अब तेजी से इनका निराकरण किया जा रहा है। कल ही लीज नवीनीकरण में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 135 प्रकरण निराकृत कर दिए। 24 घंटे में इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी संख्या में फाइलों का निपटान नहीं हुआ। अब मात्र रजिस्ट्री, एनओसी, नवीनीकरण या फ्री होल्ड के 1033 प्रकरण ही बचे हैं और 23 हजार से ज्यादा निराकृत कर दिए। इससे प्राधिकरण को साढ़े 7 करोड़ रुपए का राजस्व (Revenue) भी अर्जित हो गया है। दूसरी तरफ सम्पत्ति मालिकों (Property Owner) को अब बार-बार प्राधिकरण दफ्तर के चक्कर भी नहीं काटना पड़ेंगे।
प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में हजारों की संख्या में लीजधारक हैं, जिन्हें भूखंड, फ्लेट या अन्य सम्पत्तियां आबंटित की गई हैं। अब तो प्राधिकरण नई सम्पत्तियों को फ्री होल्ड ही बेचता है। वहीं पुरानी सम्पत्तियों को भी फ्री होल्ड किया जा रहा है। अब ज्यादातर विवादित कोर्ट-कचहरी या जांच में फंसी सम्पत्तियों का ही लीज नवीनीकरण और फ्री होल्ड की प्रक्रिया अटकी है। अविवादित प्रकरण धड़ाधड़ निराकृत हो रहे हैं। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा लगातार इन लम्बित प्रकरणों की ना सिर्फ मॉनिटरिंग कर रहे हैं, बल्कि कल उन्होंने बैठकर एक ही दिन में लीज नवीनीकरण के 135 प्रकरण निपटाए, उनके साथ सम्पदा शाखा के कर्मचारियों की टीम भी मौजूद रहे और साथ में सीईओ आरपी अहिरवार भी मौजूद रहे। सीईओ द्वारा लीज नवीनीकरण की इन फाइलों की विसंगतियों को भी हाथों हाथ दूर करवाया, ताकि आवेदकों को बार-बार चक्कर ना लगाना पड़े। श्री चावड़ा के पास भी जो आवेदक पहुंच रहे हैं उनकी समस्या, शिकायतों का निराकरण तुरंत करवाने के प्रयास किए जाते हैं, जिसका परिणाम यह है कि कल तक 23 हजार 358 लम्बित प्रकरणों का निराकरण हो चुका था, जिसमें रजिस्ट्री, एनओसी, ट्रांसफर, पता परिवर्तन, लीज रेंट के अलावा फ्री होल्ड और लीज नवीनीकरण के प्रकरण शामिल रहे हैं। अभी तीन दिन की लगातार छुट्टियां थी, जिसके चलते कल एक ही दिन में लीज नवीनीकरण के 135 प्रकरणों की फाइलें निराकृत कर दी गई। अब जो फाइलें लंबित है , उनमें लीज शर्तों के उल्लघंन, आवंटन निरस्ती के नोटिस या कोर्ट में चल रहे प्रकरण है . अध्यक्ष श्री चावड़ा के मुताबिक प्रकरणों के त्वरित निराकरण से जहां लीज धारकों में संतुष्टि है , वही उन्हें दलालों से संपर्क करने या बार बार चक्कर काटने की जरुरत भी नहीं महसूस हो रही है . इससे प्राधिकरण की कार्य प्रणाली में भी बड़ा सुधार आ रहा है और अधिकारियों – कर्मचारियों की काम टालने की प्रवृत्ति भी बदल गई, अब वे भी आवेदन मिलते ही उसके निराकरण की प्रक्रिया में जुट जाते है . सीईओ श्री अहिरवार ने पिछले दिनों कुछ लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही की और वे खुद फाइलों को बुलवाकर प्रत्यक्ष में निराकरण करवाते है , उससे भी काफी फर्क पड़ा है
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