उज्जैन। 13 साल पहले शहर में चली सिटी बस अब धीरे-धीरे दम तोड़ती नजर आ रही है। पहली किश्त में नगर निगम 39 बस को कंडम घोषित करवा कर बेचने की तैयारी कर रहा है वहीं अभी वर्तमान में उनके पास 25 बस चलने की अवस्था में जिनमें से कुछ से बस सड़क पर दौड़ रही है।
वर्ष 2009 में तत्कालीन निगमायुक्त चंद्रमौली शुक्ला के कार्यकाल में शहर में सिटी बस चलाने की योजना शुरू हुई थी। पहली किश्त में शहर में गोवा से मार्को पोलो कंपनी की कंप्यूटराइज्ड इंजन की बसें मंगाई गई थी। शुरुआत में 2 साल यह बसें अच्छी चली लेकिन जैसे ही इनके इंजन में खराबी आई तो पता चला कि यह यहां का कोई मैकेनिक नहीं सुधार सकता है। कंपनी के इंजीनियर को भी बुलाना पड़ेगा और वह कंप्यूटर के माध्यम से ही खराबी देखेंगे और उसमें सुधार करेंगे। बस इसके बाद इन बसों की हालत बिगड़ती गई, कंपनी के नगर निगम पर लाखों रुपए बाकी थे। इस कारण बसें सुधार नहीं पाई और बाद में निगम के कर्ताधर्ता होने डीजल बस मंगवाई या डीजल बस भी ऑटो से भी कम किराए पर नेताओं के रिश्तेदारों जो ठेकेदार के रूप में नगर निगम में काम कर रहे थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved