नई दिल्ली। नौ महीने बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) में वापसी की है। डॉलर में नरमी और कंपनियों की अच्छी कमाई के कारण जुलाई में इन्होंने 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश (net investment) किया है। इससे पहले जून में इन निवेशकों ने 50,145 करोड़ रुपये की निकासी की थी। मार्च, 2020 में 61,973 करोड़ रुपये की निकासी के बाद किसी एक महीने में यह सबसे ज्यादा बिकवाली थी। विश्लेषकों (Analysts) का कहना है कि रुपये के मजबूत रुझान और तेल की कीमतों (oil prices) के एक दायरे में रहने से अगस्त में भी विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में खरीदारी कर सकते हैं।
3 महीने बाद आए 28 एनएफओ
3 महीने बाद जुलाई में 18 म्यूचुअल फंड हाउसों ने 28 नए फंड ऑफर (एनएफओ) लॉन्च किए हैं। इसमें से 4 बंद हो गए हैं। 24 अभी भी खुले हैं। ये एनएफओ सभी कैटेगरी में पेश किए गए हैं। सेबी ने जून तक फंड हाउसों को एनएफओ लॉन्च करने पर पाबंदी लगा दी थी। क्योंकि फंड वितरक या तीसरी पार्टी के लोग अपने खाते में निवेशकों का पैसा मंगा रहे थे। सेबी ने कहा कि निवेशकों के पैसे फंड हाउसों के ही खातों में आना चाहिए और इसे जून तक पूरा करना होगा। उसके बाद ही नया एनएफओ हो सकेगा। 2021-22 में 176 एनएफओ से 1.08 लाख करोड़ रुपये की रकम जुटाई गई थी।
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