फाइटर फिल्म में शुरू में ही बता दिया गया है कि यह भारतीय वायुसेना के सहयोग से बनी फिल्म है। वायुसेना में रह चुके रमन छिब ने कहानी और पटकथा लिखी है और वे इसके एक निर्माता भी हैं। सिद्धार्थ आनंद की पठान ठीक एक साल पहले 25 जनवरी 2023 को रिलीज हुई थी, जिसने अच्छा कारोबार किया था। यह भी करेगी। वे इसके निर्माता भी हैं। इसमें रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की दमदार एक्टिंग और वायुसेना के विमानों के हैरतअंगेज करतब हैं। शायद इसीलिए इसकी तुलना टॉम क्रूज की फिल्मों ‘टॉप गन’ और ‘टॉप गन मैवेरिक’ से की जा रही है। गणतंत्र दिवस पर लगी है तो इसमें देशप्रेम का भाव तो होगा ही। देशप्रेम कोई मसाला नहीं है, यह न होता तो हम अभी गुलाम ही होते। फाइटर फिल्म में देशप्रेम और एक्शन ही नहीं, रोमांस भी है और उसकी झलक दीपिका के एक डायलॉग में देखी जा सकती है- … तो मेरी खुशी के लिए तुमने मुझे रुलाने का फैसला लिया है!
फाइटर भारतीय वायुसेना की शो रील जैसी है। वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टर के हवाई करतब के दृश्य रोमांचक हैं। (इस गणतंत्र दिवस परेड में राफेल विमान भी शामिल हो रहे हैं) फिल्म में साफतौर पर पुलवामा हमले को पाकिस्तान प्रायोजित घटना बताया गया है। फिल्म में वीएफएक्स अच्छे हैं और उनके कारण परदे पर वायुसेना के करतबों में जान आ गई लगती है। वीएफएक्स का उपयोग वायुसेना अपने पायलटों को ट्रेनिंग देने में भी करती है।
गणतंत्र दिवस पर लगी फिल्म फाइटर के कुछ डायलॉग हैं
पीओके का मतलब है -पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर; तुमने ऑक्यूपाइड किया है, मालिक हम हैं!
उन्हें दिखाना पड़ेगा कि बाप कौन है?
अगर हम बदतमीजी पर उतर आए तो तुम्हारा हर मोहल्ला आईओपी बन जाएगा -इंडिया ऑक्यूपाइड पाकिस्तान!
ईंट का जवाब पत्थर से देने नहीं, धोखे का जवाब बदले से देने आए हैं।
फाइटर वो नहीं, जो अटैक करता है, फाइटर वो है, जो ठोंक देता है!
जंग में सिर्फ हार या जीत होती है, कोई मैन ऑफ द मैच नहीं होता।
जो अकेला खेल रहा होता है, वो टीम के खिलाफ खेल रहा होता है।
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