इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पांचवां बड़ा टेंडर भी कॉर्पोरेशन ने जारी कर दिया है, जो शहर के मध्य क्षेत्र में अंडरग्राउंड कॉरिडोर का है। साढ़े 8 किलोमीटर लम्बा यह कॉरिडोर एमजी रोड, हाईकोर्ट से शुरू होकर राजवाड़ा, बड़ा गणपति से रामचंद्र नगर, बीएसएफ होते हुए एयरपोर्ट तक जमीन के अंदर तैयार किया जाएगा, जिसमें 8.626 किलोमीटर लम्बी ट्वीन टनल और 7 अत्याधुनिक मेट्रो स्टेशनों का निर्माण होगा। 2550 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत इस अंडरग्राउंड कॉरिडोर के लिए आंकी गई है और उसी आधार पर पांचों पैकेज के ये टेंडर बुलाए गए हैं।
इंदौर मेट्रो का पहला चरण लगभग साढ़े 32 किलोमीटर लम्बा है, जो कि एयरपोर्ट से शुरू होकर गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 होते हुए विजय नगर, रेडिसन से रोबोट चौराहा तक और वहां से फिर बंगाली चौराहा, पलासिया, एमजी रोड होते हुए एयरपोर्ट तक बनना है। इसमें अधिकांश हिस्सा एलिवेटेड कॉरिडोर का रहेगा। सिर्फ 8.626 किलोमीटर का ही हिस्सा अंडरग्राउंड होगा, जो कि शहर का मध्य क्षेत्र है। अभी गांधी नगर से लेकर रोबोट चौराहा तक एलिवेटेड कॉरिडोर का काम तेज गति से चल रहा है और दावा यह भी किया गया कि इसी तरह प्रायोरिटी कॉरिडोर पर व्यवसायिक संचान भी शुरू कर दिया जाए। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कल पांचवें पैकेज के टेंडर भी जारी कर दिए, जो अंडरग्राउंड के लिए रहेंगे। ट्वीन टनल के साथ 7 स्टेशन इसमें निर्मित होना है। ये अंडरग्राउंड स्टेशन इंदौर रेलवे स्टेशन के नीचे, राजवाड़ा, छोटा गणपति, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर, बीएसएफ और कल्याणी नगर, एयरपोर्ट के नीचे बनना है। इसके लिए विशालकाय टनल बोरिंग मशीनें इस्तेमाल होंगी और लगभग 16 टनल्स का निर्माण किया जाएगा। हाईकोर्ट से अंडरग्राउंड टनल का काम शुरू होगा और फिर अंदर ही अंदर 8.626 किलोमीटर लम्बा कॉरिडोर एयरपोर्ट तक निर्मित किया जाना है।
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