दोहा । फीफा विश्व कप (fifa world cup) अपने अंजाम तक पहुंचने वाला है। आज फाइनल में डिफेंडिंग चैंपियंस फ्रांस का सामना दो बार की विजेता अर्जेंटीना से कतर के लुसैल स्टेडियम (Lusail Stadium) में होगा। फ्रांस को जिताने का जिम्मा स्टार स्ट्राइकर कीलियन एम्बाप्पे और ओलिवर जिरूड जैसे खिलाड़ियों के कंधों पर होगा। वहीं, अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी फाइनल मैच को जीतकर विश्व कप (world Cup) से खिताबी जीत के साथ विदाई लेना चाहेंगे।
अर्जेंटीना और फ्रांस (Argentina and France) रविवार को फाइनल में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए एक-दूसरे से भिड़ेंगे। यह फाइनल कई रूपों से भावनात्मक रहेगा क्योंकि मेसी का यह आखिरी विश्व कप मैच होगा। मेसी कई वर्षों से विश्व कप की ट्रॉफी जीतने का अपना सपना संजोए हैं और इस बार उनके पास इस ट्रॉफी को पाने का यह आखिरी मौका है। खिताबी मुकाबला भारतीय समयानुसार रात साढ़े आठ बजे शुरू होगा।
मेसी (Messi) के सामने मौजूदा चैंपियन और मजबूत टीम फ्रांस है जिसे हराना उनके लिए आसान नहीं रहेगा। फ्रांस लगातार दूसरा विश्व कप जीतने के लिए हर संभव प्रयास करेगा तो अर्जेंटीना की टीम भी कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। दोनों टीमें दो-दो बार यह ट्रॉफी जीत चुकी हैं।
अर्जेंटीना ने 1978 और 1986, जबकि फ्रांस ने 1998 और 2018 में यह खिताब जीता था। अर्जेंटीना के पास 36 साल बाद पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी हासिल करने का मौका है। वहीं, फ्रांस लगातार दूसरी बार खिताब जीतने से एक कदम दूर है।
एम्बाप्पे और मेसी के लिए योजना
दोनों टीमों के कोच मेसी और एम्बाप्पे को घेरने की कोशिश करेंगे ताकि वे गोल नहीं कर सकें। इसका फायदा अन्य खिलाड़ियों को मिल सकता है और उन्हें गोल करने का मौका मिल सकता है। मेसी पहले भी फाइनल में खेल चुके हैं, लेकिन उनकी टीम 2014 में जर्मनी से हार गई थी। एम्बाप्पे के रहते हुए फ्रांस ने 2018 में क्रोएशिया को हराकर विश्व कप जीता था।
महान माराडोना से मेसी की तुलना
मेसी ने अपने दमदार प्रदर्शन से अर्जेंटीना को फाइनल में पहुंचाया। उससे उनकी तुलना महान फुटबॉलर माराडोना (great footballer maradona) से की जा रही है। मेसी ने पांच गोल करने के अलावा तीन गोल करने में मदद की और अपनी टीम के प्रशंसकों को रोमांचित कर दिया।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी नजरें
अर्जेंटीना
लियोनल मेसी(Lionel Messi): 35 वर्षीय मेसी टूर्नामेंट में अब तक पांच गोल कर चुके हैं और इस मामले में संयुक्त रूप से शीर्ष पर हैं। जब भी गोल करने का मौका हो तब मेसी की फुर्ती देखने लायक होती है। विश्व कप का खिताब उन्हें डियागो माराडोना के समान ‘आइकन’ का दर्जा दिला देगा।
जूलियन अल्वारेज: अल्वारेज ने टूर्नामेंट आगे बढ़ने के साथ लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और उन्होंने अब तक चार गोल दागे हैं। इस 22 वर्षीय खिलाड़ी का तेज दौड़ लगाने में कोई सानी नहीं है। उन्होंने क्रोएशिया के खिलाफ सेमीफाइनल में टीम की 3-0 से जीत में मेसी के साथ शानदार जोड़ी बनाई थी।
एमिलियानो मार्टिनेज: अर्जेंटीना का यह गोलकीपर छह फुट चार इंच लंबा है। यदि फाइनल मैच पेनाल्टी शूटआउट तक चला गया तो फिर मार्टिनेज की भूमिका अहम होगी। उन्होंने नीदरलैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल और पिछले साल कोपा अमेरिका के सेमीफाइनल में पेनाल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
नहुएल मोलिना: मोलिना में मजबूत डिफेंडर होने के सभी लक्षण मौजूद हैं। एटलेटिको मैड्रिड के 24 वर्षीय खिलाड़ी मोलिना को अपने आक्रामक रवैये के लिए भी जाना जाता है।
एंजो फर्नांडीज: फर्नांडीज ने टूर्नामेंट की शुरुआत सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के रूप में की थी, लेकिन अर्जेंटीना के मेक्सिको पर जीत में गोल करने के बाद वह टीम के मुख्य खिलाड़ी बन गए। वह अर्जेंटीना की मध्य पंक्ति के प्रमुख खिलाड़ी हैं।
फ्रांस
कीलियन एम्बाप्पे: एम्बाप्पे अपनी तेजी और गोल करने में महारत के लिए जाने जाते हैं। पेरिस सेंट जर्मेन की तरफ से क्लब फुटबॉल खेलने वाले 23 वर्षीय स्ट्राइकर विश्व कप में अभी तक मेसी के समान पांच गोल दाग चुके हैं। अर्जेंटीना के खिलाफ जीत दर्ज करने पर वह महानतम खिलाड़ियों में शामिल हो जाएंगे।
एंटोनी ग्रीजमैन: 31 साल के ग्रीजमैन इस विश्व कप में फ्रांस के लिए महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुए हैं। फाइनल में मेसी के साथ उनका मुकाबला देखने लायक होगा। उन्होंने अहम मौकों पर टीम के खिलाड़ियों लिए गोल करने में भूमिका निभाई है।
ह्यूगो लोरिस: 35 वर्षीय ह्यूगो लोरिस पहले ऐसे कप्तान बनने की राह पर हैं जिन्होंने दो विश्व कप जीते। वह अपने काम को अच्छी तरह से अंजाम देते हैं। फ्रांस की तरफ से सर्वाधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम पर है।
राफेल वरान: 29 साल के वरान टीम की रक्षापंक्ति की मजबूत कड़ी हैं। स्पेनिश टीम रियल मैड्रिड को चार बार चैंपियंस लीग का खिताब दिलाने में उनकी भूमिका अहम रही है।
ऑरेलियन टुचोमनी: टुचोमनी पिछले चार साल से पाल पोग्बा की जगह मध्य पंक्ति में अपनी भूमिका पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। अर्जेंटीना को मध्य पंक्ति में उनसे पार पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
दोनों टीमों की ताकत और कमजोरी
अर्जेंटीना
ताकत – कप्तान लियोनल मेसी पर निर्भर है। अन्य खिलाड़ी भी गोल कर रहे हैं। पहले हॉफ में गोल करके टीम और आक्रामक होकर खेलती है।
कमजोरी – पांच गोल टीम के खिलाफ अभी तक हुए हैं। डिफेंस टीम की कमजोरी है और मेसी पर अधिक निर्भर होने का नुकसान भी हो सकता है।
फ्रांस
ताकत – टीम की ताकत स्ट्राइकर हैं। एम्बाप्पे, जिरूड, ग्रीजमैन की तिकड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है।
कमजोरी – डिफेंस थोड़ा सा चिंता का विषय है। मौजूदा चैंपियन फ्रांस के खिलाफ भी पांच गोल इस विश्व कप में हुए हैं।
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