नई दिल्ली। फसल बीमा योजनाओं (Crop Insurance schemes) के कार्यान्वयन में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार (Central government) ने नवाचार और तकनीक के लिए 824.77 करोड़ रुपये का अलग कोष (एफआईएटी) (Separate Funds (FIAT) बनाने का एलान किया है। यह फसल क्षति के तेजी से आकलन, दावा निपटान और कम विवादों के लिए तकनीक के इस्तेमाल में मदद करेगा। यह आसान पंजीकरण और अधिक कवरेज के लिए डिजिटल तकनीकों (Digital Technologies) का उपयोग करने में भी मदद करेगा।
कृषि मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि कोष उपयोग योजना के तहत तकनीकी पहल जैसे यस-टेक, विंड्स आदि के साथ-साथ अनुसंधान और विकास अध्ययनों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। तकनीक का उपयोग कर उपज अनुमान प्रणाली (यस-टेक) उपज अनुमान के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करती है, जिसमें तकनीक-आधारित उपज अनुमानों को न्यूनतम 30 प्रतिशत महत्व दिया जाता है।
ब्लॉक स्तर पर स्थापित किए जा रहे मौसम स्टेशन
मंत्रालय ने बताया कि मौसम सूचना और नेटवर्क डाटा सिस्टम (विंड्स) में ब्लॉक स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) और पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा गेज (एआरजी) स्थापित किए जा रहे हैं। विंड्स के तहत हाइपर-लोकल मौसम डाटा विकसित करने के लिए वर्तमान नेटवर्क घनत्व में पांच गुना वृद्धि की बात है। इस पहल के तहत केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से केवल डाटा किराया लागत का भुगतान किया जाता है।
इंडोनेशिया किया जाएगा 10 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कैबिनेट ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिये इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर बासमती चावल के निर्यात को भी मंजूरी दी है। यह निर्यात एनसीईएल, सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशियाई सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन के तहत किया जाएगा।
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