नई दिल्ली (New Delhi)। दर्द-निवारक (pain reliever), संक्रमणरोधी (anti-infective) और दिल की बीमारियों की दवाइयों से लेकर एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) के लिए लोगों को एक अप्रैल से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। सरकार (Government) ने दवा कंपनियों (Pharmaceutical Companies) को वार्षिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) (Annual Wholesale Price Index (WPI)) में बदलाव के अनुरूप दवा की कीमतें बढ़ाने की अनुमित दे दी है। जिन दवाइयों की कीमतों बढ़ेंगी, उनमें पैरासिटामोल भी शामिल है, जिसका सामान्य बुखार और दर्द में इस्तेमाल होता है।
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के मुताबिक, अधिसूचित डब्ल्यूपीआई में 2022 में वार्षिक बदलाव 12.12 फीसदी था। एनपीपीए ने यह भी कहा कि 384 अनुसूचित दवाओं की कीमतों में 12 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। इन दवाइयों का उपयोग 27 उपचारों में किया जाता है। लगातार दूसरे साल जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि गैर-अनुसूचित दवाओं के लिए मान्य सीमा से अधिक है।
25 दवाओं की कीमतें तय
सरकार ने इट्राकोनाजोल कैप्सूल समेत 25 दवाओं की कीमतें भी निर्धारित की हैं। एंटी-फंगल दवा इट्राकोनाजोल के एक कैप्सूल की कीमत 20.72 रुपये तय की गई है। हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक या स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए प्रयोग की जाने वाली टेल्मिसर्टन क्लोर्थालिडोन भी इनमें शामिल है, जिसकी एक टैबलेट की कीमत 8.04 रुपये होगी। सर्दी, जुखाम व नाक बहने जैसे एलर्जी लक्षणों के इलाज में इस्तेमाल लेवोसेटिरिजिन मोंटेलुकास्ट और एंब्रॉक्सोल (एसआर) की एक टैबलेट के दाम 15.39 रुपये तय किए हैं।
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