नई दिल्ली। इस वर्ष देशभर के व्यापारियों ने इस त्योहारी सीज़न में चीन का सामान न बेचेंगे, बल्कि अपने देश में ही बना हुआ सामान बेचकर चीन को 40 हजार करोड़ रुपये का झटका देने की तैयारी में हैं। कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी सामानों के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान ’भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ के तहत आगामी महीनों में आने वाले सभी त्योहारों में कारोबारियों ने राखी के पर्व की तर्ज पर इसे सफल बनाने का आह्वान किया है।
कैट ने रविवार को चीनी वस्तुओं के इस्तेमाल के बजाय भारतीय सामान के उपयोग के साथ ही मनाने का आव्हान किया है। कन्फेडरेशन ने कहा कि इस वर्ष दिवाली देशभर में ‘हिन्दुस्तानी दिवाली’ के रूप में मनाई जाएगी, जिसमें चीन का कोई भी सामान इस्तेमाल नहीं होगा। इसी श्रृंखला के तहत आगामी 22 अगस्त को भगवान श्री गणेशजी के जन्मदिवस ‘गणेश चतुर्थी’ को इस बार नए तरीके से मनाने के लिए कैट ने मिट्टी, गोबर तथा खाद से बने ‘पर्यावरण मित्र गणेश जी’ की कुछ प्रतिमाएं जारी किए, जिसे देशभर के व्यापारी तथा अन्य लोग इस गणेश चतुर्थी को अपने घर में स्थापित कर उनकी पूजा करेंगे।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की इन वस्तुओं से बनी गणेश प्रतिमा का उद्देश्य पर्यावरण और जल को प्रदूषित होने से बचाना तथा इस त्यौहार को सही अर्थों में पूर्ण भारतीयता के साथ मनाना है। उन्होंने बताया की इस क्रम में 6 इंच, 9 इंच एवं 12 इंच की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही है। अनेक प्रतिमाओं में तुलसी के बीज सहित विभिन्न सब्जियों के बीज भी डाले जा रहे हैं, ताकि प्रतिमा को जल में विसर्जित करने के बाद यह बीज मिट्टी में दबकर पौधों का रूप ले सके। इसके अलावा गणेश जी की यह प्रतिमाएं गणेश चतुर्थी के पूजन के बाद घर में ही किसी बर्तन के कुंड में विसर्जित की जा सकती है। इससे पर्यावरण और जल को दूषित होने से बचाया जा सकेगा।
खंडेलवाल ने बताया की पिछले वर्ष तक चीन से आए गणेश जी बड़ी मात्रा में देशभर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर बिका करते थे, लेकिन इस वर्ष कैट ने देशभर में फैले व्यापारी संगठनों को सलाह दी है कि वो अपने शहर अथवा राज्य में कलाकृतियां बनाने वाले, कुम्हार से गणेश जी की प्रतिमाएं मिट्टी, गोबर एवं खाद का उपयोग कर बनवाएं और अपने व्यापारिक संगठनों के जरिए लोगों तक बिक्री के लिए पहुंचाएं। इस प्रकार से कैट के झंडे के तहत देशभर के व्यापारी उन लोगों को रोजगार देने का काम भी करेंगे, जिनके पास वर्तमान में या तो रोजगार की कमी है या कोरोना महामारी की वजह रोजगार छिन गया है। ऐसे लोगों की सहायता कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत में कैट के नेतृत्व में व्यापारी भी अपना योगदान दे सकेंगे।
कैट महामंत्री ने बताया कि अभी से लेकर दिवाली तक देशभर में त्योहारों का सीजन है, जिसमें चीन से आयात हुआ लगभग 35 से 40 हजार करोड़ रुपये तक का सामान बिकता है। इसमें ख़ास तौर पर भगवान श्री गणेश की मूर्तियां, अगरबत्ती, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, एलेक्ट्रिकलस, बिजली के बल्बों की झालर, बल्ब, सजावटी सामान, पीतल एवं अन्य धातुओं के दीये, फ़र्निशिंग फ़ैब्रिक, किचन इक्विप्मेंट, पटाखे, आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बेहद उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। यूं तो ये त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है, किन्तु महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में यह विशेष रूप से मनाया जाता है। (एजेंसी, हि.स.)
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