नई दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दावा किया है कि इस त्योहारी सीजन में चीन को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का झटका लगेगा। कैट ने कहा कि भारतीय जो एक बार जो ठान लेते हैं, वह करके दिखाते हैं।
कैट ने सरकारी आंकड़ों को आधार बनाते हुए कहा कि इस साल अप्रैल से अगस्त माह के दौरान चीन से होने वाले आयात में 27.63 फीसदी की गिरावट आई है। कारोबारी संगठन का कहना है कि यह तो बानगी है। असली झलक तो दिवाली के आसपास दिखेगी।
कैट का कहना है कि भारत ने चीन और चीनी सरकार के मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स को आइना दिखा दिया है। कारोबारी संगठन ने बीते 10 जून से ही भारत में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का एक बड़ा अभियान चला रहा है, जिसकी सफलता इस कमी से दिखाई देती है। कैट ने कहा कि यह कमी चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के मुंह पर ज़ोरदार तमाचा है। क्योंकि, इसी ग्लोबल टाइम्स ने लिखा था कि चीन के सामान के आयात कम करने की भारत की हैसियत नहीं है। कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि उनके लंबे चौड़े दावों के बावजूद अप्रैल से अगस्त तक की अवधि में चीन से आयात में उल्लेखनीय कमी आई है।
त्योहारी सीजन में मिलेगा और झटका
खंडेलवाल ने कहा कि संसद में कल ही ये जानकारी दी गई कि अप्रैल से अगस्त के दौरान चीन से भारत का आयात 27.63 फीसदी घट गया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री ने इसे चीन के दुष्चक्र से भारतीय व्यापार को मुक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि चीन को एक और झटका मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि ये झटका होगा त्योहार के सामान का आयात रूकना। ज्ञात हो कि अभी तक भारत में दिवाली सहित अन्य कई त्योहारों के मौके पर हर साल चीन से करीब 40 हजार करोड़ रुपये का सामान आता रहा है।
चीनी सामानों का बहिष्कार जारी रहेगा
खंडेलवाल का कहना है कि चीन से आयात में इतनी बड़ी कमी चीन के खिलाफ भारत के लोगों की मनोदशा और भावनाओं को दर्शाती है। लेकिन, दुर्भाग्य से कुछ मशहूर हस्तियों का समूह है, जो चीनी ब्रांडों का समर्थन करके या चीन के निवेश वाली कंपनियों के मुखपत्र बनने के लिए चीन को बढ़ावा दे रहे हैं। वे पैसे कमाने के लिए ज्यादा परेशान हैं और भारत के लोगों की भावनाओं की परवाह नहीं करते हैं। खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत आह्वान ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कैट ने चीनी सामानों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के लिए सरकार को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने चीनी सामानों को बेचने से रोका और भारतीयों ने चीनी सामानों के बजाय भारतीय वस्तुओं को पसंद करना शुरू किया है। ये सिलसिला जारी रहेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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