नई दिल्ली । एक्टर और फिल्म डायरेक्टर फिरोज खान (Actor and film director Firoz Khan)की 25 सितंबर को 83वीं बर्थ एनिवर्सरी है। फिरोज खान का जन्म बैंगलोर (Bangalore)में हुआ था। उनके पिता सादिक अली खान एक अफगान थे। वहीं, उनकी मम्मी फातिमा का ताल्लुक ईरान (talaq iran)से था। फिरोज खान ने 1960 में आई फिल्म ‘दीदी’ से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। साल 1965 में फणी मजूमदार की आई फिल्म ऊंचे लोग से उन्हें पहचान मिली थी। ये उनकी पहली हिट फिल्म थी। फिरोज खान को बॉलीवुड का क्लिंट ईस्टवुड कहा जाता था।
साल 2009 में फेफड़ों के कैंसर के कारण फिरोज खान का निधन हो गया था। उनकी एक इच्छा अधूरी रही। दरअसल फिरोज खान ने कई इंटरव्यू में कहा था कि वह शाहरुख खान के साथ एक्शन-रोमांटिक फिल्म बनाना चाहते हैं। लेहरें रेट्रो के मुताबिक फिरोज खान ने कई बार शाहरुख खान को साइन करने की कोशिश की थी। वह शाहरुख की हर शर्त मानने को तैयार थे लेकिन, हर बार शाहरुख ने उन्हें बेरंग लौटाया था। फिरोज खान कहते थे, ‘ये लड़का अपनी रोमांटिक इमेज में बंधकर रह जाएगा और जब इसकी रोमांटिक फिल्मों का दौर खत्म होगा, इसे मेरी याद जरूर आएगी।’
उथल-पुथल से भरी थी मैरीड लाइफ
फिरोज खान की मैरीड लाइफ काफी उथल-पुथल से भरी थी। फिरोज खान ने साल 1965 में सुंदरी से शादी की थी। इस शादी से दो बच्चे फरदीन खान और लैला खान है। फिरोज खान की मुलाकात एयर होस्टेस ज्योतिका धनराजगीर से हुई थी। जब उनकी वाइफ सुंदरी ने इसका विरोध किया तो उन्होंने वह अपनी वाइफ को छोड़कर चले गए थे। ज्योतिका के साथ 10 साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद भी शादी नहीं की। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वह ज्योतिका को नहीं जानते हैं।
फिरोज खान और मुमताज की जोड़ी काफी पॉपुलर हुई थी। दोनों ने नागिन, आंधी और इंसान, अपराध, मेला और उपासना जैसी कई फिल्मों में काम किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिरोज खान मुमताज से शादी करना चाहते थे। आगे चलकर मुमताज की बेटी नताशा माधवानी ने फिरोज खान के बेटे फरदीन खान से शादी की थी। इस लिहाज से दोनों समधी थे। साल 2007 में आई फिल्म वेलकम फिरोज खान की आखिरी फिल्म थी।
फिरोज खान का जन्म बेंगलुरु के एक पठान परिवार के घर हुआ था, जो अफगानिस्तान से विस्थापित होकर आया था। फिरोज खान की मां ईरानी थी और खानदान गजनी का रहने वाला। फिरोज खान की शुरुआती पढ़ाई बेंगलुरु में ही हुई और इसके बाद वो मुंबई आ गए और साल 1960 में फिल्म दीदी से बॉलीवुड डेब्यू किया। फिरोज ने शुरुआती करियर में ही इंग्लिश फिल्म ‘टार्जन गोज तो इंडिया’ में काम किया था, जिस में वो सिमी ग्रेवाल के साथ नजर आए थे। 1969 में रिलीज हुई फिल्म आदमी और इंसान के लिए फिरोज खान को फिल्मफेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवॉर्ड मिला। इसके बाद फिरोज खान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पाकिस्तान में बैन हुए थे फिरोज खान
फिरोज खान अपनी ऑनस्क्रीन एक्टिंग के साथ ही अपने ऑफस्क्रीन अंदाज के लिए भी जाने जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिरोज खान को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। दरअसल साल 2006 में एक फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में फिरोज खान पाकिस्तान गए थे। उस वक्त एक पार्टी में पाकिस्तान की एक नामचीन शख्सियत से उनकी किसी बात पर बहस हो गई और फिरोज खान ने भारत की छाती ठोककर तारीफ और पाकिस्तान की कथित तौर पर बुराई कर दी। बस फिर क्या था… इसके बाद से ही फिरोज खान की पाकिस्तान में एंट्री पर बैन लगा दिया गया था।
मुमताज से करना चाहते थे शादी लेकिन बन गए समधी
बता दें कि फिरोज खान अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ ही साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहते थे। फिरोज ने करीब 5 साल तक सुंदरी को डेट करने के बाद शादी कर ली थी। सुंदरी और फिरोज के दो बच्चे लैला खान और फरदीन खान हुए। कहा जाता है कि दो बच्चों के पिता होने के बाद भी फिरोज किसी और को दिल बैठे थे, जिसकी वजह से उनके और सुंदरी के रिश्तों में खटास आई। दूरियां इतनी बढ़ गईं कि दोनों अलग- अलग रहने लगे और फिर नौबत तलाक तक आ गई। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि फिरोज खान, अभिनेत्री मुमताज को भी दिल से पसंद करते थे, लेकिन कभी साथ नहीं हो पाए। हालांकि फिरोज के बेटे फरदीन ने मुमताज की बेटी नताशा से शादी की और आखिरकार मुमताज और फिरोज समधी बनकर रह गए।
राजकुमार ने दिया था ज्ञान तो उठ खड़े हुए थे फिरोज खान
हिंदी सिनेमा में अगर कोई अभिनेता अपने रौबदार अंदाज के लिए सबसे फेमस रहा तो वो राजकुमार हैं। फिल्म 1965 में राजकुमार राव से फिरोज खान का भी सामना हुआ था। उस वक्त राजकुमार एक बड़ा नाम थे और फिरोज खान अपने पैर जमा रहे थे। ऐसे में शूटिंग के दौरान जब राजकुमार, फिरोज को एक्टिंग से जुड़ा ज्ञान दे रहे थे तो फिरोज उठ खड़े हुए थे और कहा था कि आप अपना काम अपने तरीके से कीजिए और मैं अपना काम अपने हिसाब से कर लूंगा। हालांकि फिरोज का ये अंदाज राजकुमार को पसंद आया था और उन्होंने कहा था- ‘मैं भी ऐसा ही हूं और हमेशा ऐसे ही रहना।’
जाते जाते भी दिल जीत गए फिरोज खान
औरत, सफर, मेला, उपासना, अपराध, खोटे सिक्के, जांबाज, दयावान, यलगार, धर्मात्मा, जानशीन, कुर्बानी, प्रेम अगन जैसी बेहतरीन फिल्मों से दर्शकों का दिल जीतने वाले फिरोज खान ने साल 2009 में इस दुनिया को कैंसर के चलते अलविदा कह दिया था। कहा जाता है कि आखिरी वक्त में फिरोज खान ने बेंगलुरु में अपना फार्म हाउस पर वक्त बिताया था। याद दिला दें कि फिरोज खान की आखिरी फिल्म 2007 में रिलीज हुई वेलकम थी। फिल्म में आरडीएक्स के जोरदार किरदार से फिरोज खान ने नए युवा दर्शकों के बीच भी अपनी पहचान बना ली थी
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