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    75 फीसदी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की फीस तय नहीं हो पाई

  • May 31, 2022

    • प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति को आगामी तीन सत्र की फीस निर्धारित करना है

    भोपाल। प्रदेश के प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने प्रदेश के करीब 1266 कालेजों के आगामी तीन सत्रों की फीस निर्धारित करना है। एआईसीटीई से मान्यता नहीं मिलने के कारण 75 फीसदी कालेज फीस तय कराने के लिए दस्तावेज तैयार नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण कालेज की आडिट रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाया है। इस कारण फीस कमेटी में 25 फीसद कालेजों ने ही प्रस्ताव भेजे हैं। कालेजों की समस्या और एआईसीटीई से मान्यता व निरतंरता की कमी को देखते हुए फीस कमेटी ने आवेदन करने की अंतिम तिथि को 31 मई तक कर दिया है। प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति को सूबे के करीब 1266 कालेजों की आगामी तीन सत्र 2022-23, 2023-24 और 2024-25 की फीस निर्धारित करना है। एआईसीटीई से मान्यता नहीं मिलने के कारण 75 फीसदी कालेज फीस फिक्स कराने के लिए दस्तावेज तैयार नहीं करा पा रहे हैं। इसकी वजह कालेज की आडिट रिपोर्ट तैयार नहीं होना है। इसके कारण फीस कमेटी में अभी तक 25 फीसदी ही आवेदन पहुंच सके हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने एनसीटीई कोर्स में प्रवेश देने काउंसलिंग शुरू कर दी है। तकनीकी शिक्षा विभाग की काउंसलिंग प्रस्तावित है। दोनों विभागों के करीब 850 कालेजों ने फीस निर्धारित करने दस्तावेज फीस कमेटी में जमा नहीं हुए हैं। इसका कारण चाटर्ड एकाउंटेंट की बैलेंस सीट नहीं होना है, इसलिए अंतिम तिथि बीतने तक 75 फीसदी कालेज फीस निर्धारित करने के लिए अपने प्रस्ताव फीस कमेटी तक नहीं भेज सके हैं। उन्होंने कमेटी से कुछ समय की मांग की है। फीस कमेटी प्रोफेशनल कोर्स में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फामेर्सी, विधि, आर्किटेक्चर, होटल मैनेजमेंट, नर्सिंग और मेडिकल के साथ एनसीटीई कोर्स संचालित करने वाले करीब 1266 कालेजों की फीस निर्धारित करेगा।


    इस बार आफलाइन सुनवाई होगी
    फीस कमेटी सभी कालेज के प्रस्ताव लेकर उनकी प्रत्यक्ष उपस्थित में सुनवाई कर फीस निर्धारित करती है। पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा प्रभाव होने के कारण आनलाइन सुनवाई कराई गई थी। अब कोरोना संक्रमण नियंत्रण में बना हुआ है। इसलिये फीस कमेटी ने प्रत्यक्ष तौर होने वाली उपस्थित पर आफलाइन सुनवाई करने का निर्णय लिया है। आफलाइन सुनवाई के दौरान कालेज अपनी दलीलें कमेटी के सामने रख पाएंगे। उनके पक्ष सुनने के बाद कमेटी उनकी फीस तय करेगी। फीस कमेटी बिना बैलेंस सीट के फीस निर्धारण नहीं करेगा। इससे कालेजों की समस्याएं जरूर बढ़ गई हैं।

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