इंदौर। शहर में पांच स्थानों पर दीनदयाल रसोई शुरू की गई है, जिसमें शुरुआती दौर से ही मजदूरों और गरीब तबके के लोगों की खासी भीड़ उमड़ रही है। पांच रुपए में भरपेट भोजन के लिए हर रोज अलग-अलग मैन्यू रहता है, जिसमें कभी गर्मागर्म चपाती, दाल, रोटी, सब्जी तो कभी दाल-रोटी, कढ़ी और खिचड़ी शामिल होती है। इस पूरे मामले में खास बात यह है कि इस योजना का लाभ लेने वाले की हर जानकारी पोर्टल पर दर्ज होती है। आने वाले दिनों में भोपाल से आने वाली वैन के माध्यम से हाट बाजारों से लेकर विभिन्न गरीब बस्तियों में दीनदयाल रसोई पहुंचाई जाएगी।
कुछ वर्षों पहले तक सरवटे और गंगवाल बस स्टैंड पर राम रोटी योजना के तहत पांच रुपए में खाना उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते यह योजना बंद हो गई थी। इसके बाद फिर दीनदयाल रसोई योजना शासन स्तर पर शुरू हुई। नगर निगम के माध्यम से शुरुआती दौर में अभी पांच स्थानों पर पांच रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। गाड़ी अड्डा पर संचालित हो रही दीनदयाल रसोई का काम मां दयावती संस्था को मिला है। यह संस्था बापट चौराहा और गाड़ी अड्डा पर रसोई का संचालन करती है। इसके अलावा तीन अन्य रसोई के काम एनजीओ की टीमों को दिए गए हैं।
5 रुपए के भोजन में सरकार देती है 10 रुपए
दीनदयाल रसोई संचालन के लिए भले ही लोगों से पांच रुपए लिए जाते हों, लेकिन इसके लिए शासन से हाल ही में अब दस रुपए मिलने लगे हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दीनदयाल रसोई के लिए पांच रुपए की दर को बढ़ाकर दस रुपए किया है। रसोई संचालित करने वालों का कहना है कि उन्हें दस रुपए की दर में भी सभी को खाना परोसना मुश्किल लगता है और इसी के चलते कई दानदाताओं की मदद उन्हें मिलती है और इसी कारण यह रसोई संचालित हो पाती है।
रेनबसेरों में मुफ्त ठहरो, 5 रुपए में भोजन खाओ
दीनदयाल रसोई जिन पांच स्थानों पर संचालित हो रही है, वहां समीप ही रैनबसेरे भी हैं, जहां शहर के बाहर से आए लोग नि:शुल्क ठहर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने आधार कार्ड के साथ अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराना होता है। कोई भी व्यक्ति रैनबसेरे में तीन दिन से ज्यादा नहीं ठहर सकता और समीप ही बनी दीनदयाल रसोई में उसे पांच रुपए में भोजन भी मिल जाता है।
हर दिन खाने का अलग मैन्यू
संस्था के प्रमुख शुभम तिवारी बताते हैं कि गाड़ी अड्डा के सेंटर पर सुबह 10 बजे से तीन बजे तक भोजन की व्यवस्था रहती है। कभी मैन्यू में दाल, चावल, रोटी, सब्जी तो कभी कढ़ी, चावल, रोटी, सब्जी और कुछ अन्य सीजनेबल सब्जियां होती हैं। उनका कहना है कि पांच रुपए में भोजन करने वालों की जानकारी नगर निगम द्वारा बनाए गए पोर्टल पर दर्ज की जाती है, जिसमें संबंधितों का मोबाइल नंबर और नाम-पता दर्ज होता है। इसी प्रकार बापट चौराहे पर भी संचालित होने वाली दीनदयाल रसोई में अलग-अलग दिन का मैन्यू कार्ड लगाया गया है।
तीन इमली पर बन रहा है केंद्र
तीन इमली चौराहे पर बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर और मजदूरों की भीड़ काम की तलाश में वहां मौजूद रहती है। इसी के चलते तीन इमली ब्रिज के बोगदे में खाली पड़ी जमीन पर निगम द्वारा दीनदयाल रसोई केंद्र बनाया जा रहा है। इसका आधे से ज्यादा काम हो चुका है और आने वाले दिनों में उसे शुरू करने की तैयारी है। इस सेंटर पर वाहनों से तैयार भोजन पहुंचाया जाएगा और वहीं से मजदूरों को दिया जाएगा।
अभी यहां हो रहा है संचालन
नगर निगम द्वारा दीनदयाल रसोई बापट चौराहा, रेलवे स्टेशन झाबुआ टावर क्षेत्र, गंगवाल बस स्टैंड, सरवटे बस स्टैंड और गाड़ी अड्डा क्षेत्र में शुरू की गई है, जहां सुबह-शाम भोजन के समय मजदूर और गरीब तबके के लोग भोजन करने पहुंचते हैं। अधिकारियों के मुताबिक पांचों सेंटर पर हर रोज आठ सौ से हजार लोग रसोई योजना का लाभ उठाते हैं।
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