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फरवरी रहा 10 सालों में सबसे गर्म

February 29, 2024

  • ठंडी पड़ी ठंड… इस साल
  • एक बार भी पारा 12 डिग्री के नीचे नहीं पहुंचा, जबकि फरवरी में इंदौर में तापमान माइनस 2.8 डिग्री तक जा चुका है

इन्दौर। शहर में इस बार ठंड का असर ठंडा ही रहा। ठंड के बाकी महीनों की तरह फरवरी भी पिछले 10 सालों में सबसे गर्म रहा और ठंड का कोई रिकार्ड नहीं तोड़ पाया। इसकी अच्छी बात यह रही की शहर को कड़ाके की ठंड से राहत मिली। गर्मी के मामले में जरुर फरवरी ने पिछले 10 सालों में अपनी जगह दर्ज करते हुए दो सालों का रिकार्ड तोड़ा। फरवरी माह हर बार गर्म नहीं रहता। इंदौर के मौसम की बात करें तो फरवरी में इंदौर के ठंड के इतिहास का सबसे कम तापमान भी दर्ज हुआ है। 95 साल पहले 1 फरवरी 1929 को न्यूनतम तापमान माइनस (-) 2.8 डिग्री तक पहुंच गया था। जो इंदौर के इतिहास में दर्ज फरवरी के साथ ही ठंड के सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है। मौसम विभाग के अनुसार ऐसा नहीं है कि फरवरी में ठंड का ही रिकार्ड बना है। अब से 18 साल पहले 2006 में 22 फरवरी को दिन का अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री पहुंचा था, जो अब फरवरी में दर्ज अब तक का सबसे ज्यादा तापमान है। लेकिन इस साल ना तो फरवरी ने सबसे ज्यादा ठंड का रिकार्ड तोड़ा ना सबसे ज्यादा गर्मी का, बल्कि इससे उलट इस साल फरवरी ने सबसे कम ठंड का रिकार्ड जरुर अपने नाम किया।

पिछले 10 सालों में 2019 ही रहा सबसे ठंडा और सबसे गर्म
फरवरी माह में पिछले 10 सालों के आंकड़ों को देखें तो सामने आता है कि इस माह में सबसे ज्यादा ठंड और गर्मी का रिकार्ड 2019 के ही नाम दर्ज है। पिछले 10 सालों में सबसे कम तापमान 2019 में 7.4 डिग्री के रुप में 8 फरवरी को दर्ज हुआ है। वहीं सबसे ज्यादा तापमान भी इसी साल 35 डिग्री के रुप में 22 फरवरी 2019 को दर्ज किया गया था।


दिन का तापमान गिरा, रात का बढ़ा
विमानतल स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक कल दिन का अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री और परसो की अपेक्षा 0.9 डिग्री कम था। वहीं रात का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री और परसो की रात की अपेक्षा 3 डिग्री ज्यादा था। इस दौरान हवाओं की दिशा पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी रही और इनकी अधिकतम गति 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंची। मौसम विभाग ने कल शहर में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है।

कमजोर रहे पश्चिमी विक्षोभ, हवा की दिशा भी बदलती रही
फरवरी सहित पिछले महीनों में भी पिछले सालों की तुलना में ठंड की कमी को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत में ठंड का सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर भारत पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभों के कारण होता है। इस साल इनकी संख्या कम रही और जो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय भी हुए वे तुलनात्मक रुप से कमजोर थे। साथ ही हवा की दिशा भी कई क्लाइमेंट कंडिशन के कारण लगातार बदलती रही, जिससे अकसर उत्तरी हवाएं यहां नहीं आईऔर ठंड कमजोर रही।

एक नजर पिछले 10 सालों में फरवरी के अधिकतम और न्यूनतम तापमान पर
वर्ष न्यूनतम तारीख अधिकतम तारीख
2014 8.6 18 30.7 7
2015 9 27 34.6 25
2016 10 4, 13 34.6 20
2017 9 1 33.5 28
2018 11.4 9 34.5 24
2019 7.4 8 35 22
2020 10.2 9 32.5 21
2021 9.5 1 34.5 28
2022 8.7 4 33.8 23
2023 8.6 2 34.4 21
2024 12.1 8 32.6 17
(जानकारी मौसम विभाग के अनुसार)

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