इंदौर। मास्टर प्लान 2041 की चल रही कवायद के साथ इंदौर के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजनल अथॉरिटी प्लान भी तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इंदौर के साथ-साथ उसके आसपास के शहरों, जिनमें उज्जैन, देवास, सांवेर, पीथमपुर, महू, देपालपुर को मिलाकर यह प्लान तैयार होगा, जिसके लिए फिजिबिलिटी सर्वे करवाना पड़ेगा। प्राधिकरण इसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति करेगा और जल्द ही उसके टेंडर भी जारी होंगे। वैसे तो एक हफ्ते बाद ही लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ आचार संहिता लागू हो जाएगी। लिहाजा मास्टर प्लान के प्रारूप का प्रकाशन भी अब उसके बाद ही हो सकेगा।
इंदौर का मास्टर प्लान पहले विधानसभा चुनाव के चलते टल गया और प्रारूप प्रकाशन नहीं हो पाया, क्योंकि शासन चुनाव के वक्त जमीनों से जुड़े विवाद नहीं चाहता है और भोपाल के भी मास्टर प्लान का प्रस्ताव पिछले दिनों निरस्त कर नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया और इंदौर का प्लान तो वैसे भी विवादित रहा है। वर्तमान मास्टर प्लान 31 दिसम्बर 2021 को ही समाप्त हो गया है। मगर नए प्लान के अमल में आने तक इसे ही लागू माना जाएगा। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक सुभाशीष बनर्जी का कहना है कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन प्लान का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है। अभी प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में भी यह प्रस्ताव रखा गया, जिसमें टेंडर के जरिए कंसल्टेंट की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है। इंदौर के 2041 के लिए प्रस्तावित प्लान में हालांकि 79 गांवों को शामिल किया गया है।
मगर उसके साथ ही अतिरिक्त वृद्धित निवेश क्षेत्र को भी सुनियोजित विकास और आसपास के शहरों में भी जिस तरह से तेजी से विकास हो रहा है, उसके चलते इंदौर तमाम गतिविधियों का केन्द्र रहेगा। उसके मद्देनजर महू, पीथमपुर, उज्जैन, धार, देपालपुर को भी मेट्रोपॉलिटन प्लान में शामिल किया जाना है, जिसके लिए फिजिबिलिटी सर्वे करवाना होगा, क्योंकि अलग-अलग शहरों की विकास योजनाएं, वहां की भौगोलिक परिस्थितियों, आबादी के साथ-साथ अन्य गतिविधियां निर्धारित करना पड़ेगी। टेंडर जारी करने से पहले आरएफपी तैयार किया जाएगा, जिसके लिए मुख्य नगर नियोजक, प्राधिकरण, अधीक्षण यंत्री और संयुक्त संचालक की समिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उल्लेखनीय है कि उज्जैन में महाकाल लोक के बाद जो लगातार विकास हो रहा है और भीड़ भी बढ़ रही है, उसका दबाव इंदौर पर भी देखा जा रहा है। लिहाजा इंदौर को मेट्रो पोलिटन रीजनल अथॉरिटी के रूप में मान्यता देने की मांग तमाम विशेषज्ञों द्वारा भी की जाती रही है। इस मेट्रोपॉलिटन एरिया में जहां निगम सीमा में शामिल 85 वार्ड तो रहेंगे ही, वहीं महू, राऊ, बेटमा, पीथमपुर, इंदौर के आसपास की 93 ग्राम पंचायतों के साथ-साथ देवास, महू, देपालपुर, सांवेर, उज्जैन तक प्लानिंग एरिया को बढ़ाने की मांग की जा रही है। अभी वैसे भी इंदौर-उज्जैन रोड पर यातायात बढऩे के साथ तेजी से कॉलोनियां विकसित होने लगी। सांवेर तक धड़ाधड़ कॉलोनियां कट रही है। होटल, रेस्टोरेंट सहित अन्य प्रोजेक्ट भी आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम तेजी से चल रहा है, वहीं रोबोट चौराहा से पलासिया व आगे तक के लिए भी इसके लिए आवश्यक पहल की जा रही है, वहीं हाईकोर्ट, राजवाड़ा, बड़ा गणपति और उसके आगे तक का हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा।
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