लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की मुखिया (BSP Supremo) मायावती (Mayawati) ने कहा कि अतीक अहमद के बेटे और एक अन्य (Atiq Ahmed’s Son and Another) की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या से (Killed in Police Encounter Today) विकास दुबे कांड (Vikas Dubey Incident) के दोहराए जाने की आशंका (Fear of Repetition) सच साबित हुई (Proved to be True) ।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को ट्वीट के माध्यम से कहा कि प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे और एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चचार्एं गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे कांड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। घटना के पूरे तथ्य और सच्चाई जनता के सामने आ सके, इसके लिए उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है।
इस मामले में विशेष अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि सरकार अपराधियों और माफियाओं को मिटाने के प्रति प्रतिबद्ध है। सरकार और प्रदेश की कानून-व्यवस्था जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। साथ ही उन्होंने एसटीएफ की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, “प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में वांछित असद और गुलाम पांच-पांच लाख रुपये के इनामी बदमाश थे। दोनों की झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में शामिल उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक नवेंदु और विमल ने किया। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं।
यह मुठभेड़ उसी दिन हुई, जिस दिन गुजरात की साबरमती जेल से सड़क मार्ग से प्रयागराज ले जाए गए अतीक और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम फरार थे। दोनों को पकड़ने के लिए एसटीएफ की कई टीमों को लगाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि झांसी में गुरुवार को एसटीएफ की एक टीम ने जब मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश कर रहे असद और गुलाम को रोका, तो दोनों ने एसटीएफ टीम पर गोलियां चलाईं। उन्होंने बताया कि एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में असद और गुलाम मारे गए।
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