वाशिंगटन। अमेरिका (America) में क्रिसमस (Christmas) से पहले ओमिक्रॉन(omicron) के बढ़ते केस देख बाइडन प्रशासन (Biden Administration) ने बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत सरकार(Government) घर पर होने वाले कोरोना (corona) परीक्षण की 50 करोड़ किटें खरीदकर उनका मुफ्त वितरण करेगी। साथ ही 1,000 सैनिक अस्पतालों (military hospitals) व छह राज्यों में रवाना होने के लिए तैयार है। इस बीच, टेक्सास प्रांत (Texas Province) में ओमिक्रॉन (omicron) से पहली मौत (first death) का मामला सामने आया है, जिसने टीका नहीं लिया था।
क्रिसमस (Christmas) से पहले ब्रिटेन-यूरोप के साथ अमेरिका में भी कोविड-19 का ओमिक्रॉन वैरिएंट कहर ढा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया, देश में आ रहे कोरोना के नए मामलों में 73.2 प्रतिशत केस इसी वैरिएंट के हैं। इस बीच, अमेरिका के टेक्सास प्रांत में ओमिक्रॉन वैरिएंट से पहली मौत का पता चला है। हैरिस काउंट स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मृतक ने अब तक कोरोना का कोई भी टीका नहीं लिया था।
टीका व कोरोना परीक्षण की रणनीति
बाइडन प्रशासन घर पर कोरोना परीक्षण करने वाली 50 करोड़ किटें खरीदकर मुफ्त बांटने के अलावा नए परीक्षण स्थल भी स्थापित करने जा रहे हैं। इन परीक्षण स्थलों के निर्माण में सहायता के लिए रक्षा उत्पादन अधिनियम का इस्तेमाल किया जाएगा। पॉप-अप टीकाकरण स्थल भी होंगे। लेकिन व्हाइट हाउस ने कहा कि इन सबके बावजूद बाइडन प्रशासन की मंशा लॉकडाउन लगाने की नहीं है। बाइडन लोगों को टीका और कोरोना परीक्षण के लिए प्रोत्साहित करने की रणनीति अपनाएंगे। बता दें, राष्ट्रीय दर से पता चलता है कि अमेरिका में पिछले हफ्ते ओमिक्रॉन वैरिएंट के 6,50,000 से अधिक मामले आए।
जर्मनी में बड़े खेल आयोजनों पर सख्ती
ओमिक्रॉन को देखते हुए जर्मनी 28 दिसंबर से बड़े खेल आयोजनों में सख्ती बरती जाएगी। चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि ऐसे आयोजनों में दर्शकों के आने पर प्रतिबंध और नए साल की पार्टियों में सिर्फ 10 लोगों के मौजूद रहने जैसी पाबंदियां लगाई जाएंगी।
न्यूजीलैंड ने कई कदमों की घोषणा
न्यूजीलैंड ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप को दूर रखने के लिए मंगलवार को घोषित उपायों में कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक व अतिरिक्त खुराक में अंतर कम करने और अपनी सीमाओं को चरणबद्ध रूप से पुन: खोलने का समय बढ़ाने की घोषणा की है। कोरोना मामलों को मंत्री क्रिस हिपकिंस ने कहा, सरकार ओमिक्रॉन खतरे के मद्देनजर ‘कई एहतियाती उपायों’ के लिए सहमत हो गई है।
जश्न का रद्द होना, जिंदगी खत्म होने से बेहतर : डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए फिलहाल किसी भी तरह के जश्न को रद्द किया जा सकता है। संस्था के निदेशक डॉ. ट्रेड्रोस गेब्रेयेसिस ने कहा, एक जश्न का रद्द होना जिंदगी के खत्म होने से अच्छा है। यह अच्छा है कि अभी क्रिसमस के कार्यक्रमों को फिलहाल रद्द करें और बाद में इसका जश्न मनाएं, क्योंकि छुट्टियों में सोशल मिक्सिंग के साथ केस तेजी से बढ़ेंगे।
बूस्टर खुराक लेना जरूरी
ओमिक्रॉन स्वरूप के बारे में शुरुआती अध्ययनों से पता चला है कि टीके की खुराक ले चुके लोगों को ओमिक्रॉन संक्रमण से बचने के लिए बूस्टर खुराक लेना जरूरी होगा। हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि बूस्टर खुराक के बिना भी टीकाकरण से गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मौत होने से बचा जा सकता है।
भारत के छह पर्यटकों को नेपाल में नहीं मिला प्रवेश
भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना को देखते हुए विशेष निगरानी बरती जा रही है। भारत से नेपाल आने-जाने वाले लोगों की आईडी जांच करने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। मंगलवार को बिना आईडी के नेपाल जा रहे दिल्ली और महाराष्ट्र के छह भारतीय पर्यटकों को नेपाल पुलिस ने वापस लौटा दिया।
सरहद पर मुख्य मार्ग से आने वाले लोगों की आईडी के साथ आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जांच देखने के बाद ही नेपाल में प्रवेश दिया गया। बेलहिया नेपाल डेस्क स्वास्थ्य कर्मी ओमनाथ चौधरी ने बताया कि सख्ती के बावजूद पहचान (आईडी) मेल से दिखाने पर कुछ लोगों को एंटीजन टेस्ट के बाद प्रवेश दिया गया।
एस्ट्राजेनेका टीके से बना सुरक्षा कवच बस तीन माह
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके (भारत में कोविशील्ड) से बनी इम्युनिटी तीन माह बाद खत्म हो जाती है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार टीके की दोनों डोज लगवाने के तीन माह बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है। वैज्ञानिकों ने एस्ट्राजेनेका की खुराक लेने वाले स्कॉटलैंड में 20 लाख और ब्राजील में 4.2 करोड़ लोगों पर अध्ययन के बाद ये दावा किया है। उनके मुताबिक ऐसी स्थिति में टीकाकरण के बूस्टर डोज कार्यक्रम की जरूरत होगी।
संक्रमित महिला दे सकती है स्वस्थ शिशु को जन्म
गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमित मां स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती है। जर्नल ऑफ पेरिनैटल मेडिसिन के अनुसार संक्रमित मां के गर्भ से जन्म लेने वाले शिशु की छह माह बाद तक नियमित जांच होनी चाहिए। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की डॉ. मलिका शाह का कहना है कि मां को नहीं सोचना चाहिए कि कोरोना बच्चे को कैसे प्रभावित किया होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved