नई दिल्ली। भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी से जुड़ी आशंकाओं ने निवेशकों के बीच डर का माहौल ला दिया है। इस वजह से सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार क्रैश हो गया। सेंसेक्स 1,093.22 अंक गिरकर 59,000 अंक से नीचे 58,840.79 अंक पर आ गया। वहीं, एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 17,550 अंक से नीचे बंद हुआ।
निफ्टी 17,530.85 अंक पर ठहरा और यह एक दिन पहले के मुकाबले 346.55 अंक या 1.94% फीसदी के नुकसान में रहा। शेयर बाजार में भारी बिकवाली की वजह से निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। आपको बता दें कि बीएसई पर लिस्टेड फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 285.9 लाख करोड़ से गिरकर 279.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
हाहाकार की वजह: शेयर बाजार में बिकवाली के माहौल की सबसे बड़ी वजह इकोनॉमी से जुड़ी आशंकाएं हैं। वैश्विक स्तर पर बात करें तो वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में दुनिया मंदी की चपेट में आ सकती है। वहीं, घरेलू स्तर पर फिच रेटिंग ने भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान पर कैंची चला दी है। फिच रेटिंग्स का ताजा अनुमान है कि इकोनॉमी 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी।
यूएस फेड का डर: निवेशकों के बीच एक बार फिर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व की बैठक को लेकर डर बना हुआ है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी फेड रिजर्व लगातार तीसरी बार ब्याज दर में बढ़ोतरी करेगा। जानकारी के मुताबिक फेड रिजर्व की अगले हफ्ते बैठक होने की संभावना है।
हैवीवेट स्टॉक में गिरावट: इंडेक्स के हैवीवेट स्टॉक में बिकवाली की वजह से भी शेयर बाजार में गिरावट आई है। आईटी की दिग्गज इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो समेत सभी कंपनियों के स्टॉक धड़ाम हुए। रिलायंय, एयरटेल जैसी कंपनियां भी लाल निशान पर रहीं।
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