भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में जीत हासिल की। आलाकमान ने कमलनाथ (Kamal Nath) को सूबे का सीएम बनाया। साल 2020 के मार्च महीने में कुछ ऐसा हुआ जिससे कांग्रेस को भारी झटका लगा। कांग्रेस (Congress) के कई विधायकों ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। बहुमत खोने के बाद कांग्रेस की सरकार टूट गई। राज्य में भाजपा की सरकार बनी और शिवराज सिंह चौहान को सीएम बनाया गया। अब साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी दल वोटरों को लुभाने में जुट गए हैं। ऐसे में कमलनाथ ने टिकट बंटवारे (ticket distribution) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
सता रहा 20 वाला डर?
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ऐसे विधायकों को इस बार टिकट नहीं देना चाहती है जो बगावती तेवर के हैं। कांग्रेस को साल 2020 वाला डर सता रहा है। सूबे के विधायक इस कोशिश में हैं कि दोबारा उन्हें पार्टी की ओर से टिकट मिल जाए। ऐसे में शनिवार को कांग्रेस ने साफ कर दिया कि पार्टी इस बार किन विधायकों को टिकट देने वाली है। कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने पार्टी की प्लानिंग के बारे में भी आज बताया।
किसे मिलेगा टिकट?
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने शनिवार को बताया कि इस बार टिकट देने से पहले स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी। स्थानीय नेताओं से विधायकों का रिव्यू लिया जाएगा। चर्चा के बाद ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया जाएगा। यह ऐलान करते हुए कमलनाथ ने एक बड़ी बात भी कह दी।
कांग्रेस का प्लान?
कमलनाथ ने कहा, ‘किसी भी दबाव या सिफारिश के आधार पर टिकट नहीं दिया जाएगा।’ कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेता लोगों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कांग्रेसी नेता लोगों की इच्छा के खिलाफ नहीं जा सकते। कमलनाथ ने आगे कहा कि पहले की तरह नेताओं द्वारा विश्वासघात की कोई संभावना नहीं है। गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। लेकिन मार्च 2020 में तब के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद राज्य में भाजपा ने सरकार बनाई थी।
एक और बड़ा दावा
कमलनाथ ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। कमलनाथ ने इसके बाद एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है और अब भाजपा के कई नेता कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। इसी के साथ एमपी कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने यह क्लियर कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी इस बार किसे टिकट देने वाली है। कमलनाथ ने बता दिया कि पार्टी टिकट देने से पहले स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत करेगी। बातचीत के बाद टिकट को लेकर फैसला किया जाएगा।
राजनीतिक जानकारों का यह मानना है मध्य प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। लेकिन बीते दिनों आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने यह ऐलान किया कि उनकी पार्टी सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि AAP की एंट्री के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
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