नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मोदी ने कहा कि बीते वर्ष भारत में एफडीआई में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं महामारी के दौरान भी भारत में 22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है, जिसमें करीब 98 फीसदी ऑटोमेटिक रूट से आया है।
मोदी ने स्वाधीनता दिवस के मौके पर शनिवार को मेक इन इंडिया के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ (विश्व के लिए विनिर्माण) का नारा जोड़ते हुए भारत को आर्थिक नीतियों में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विश्व आपूर्ति श्रृंखला में विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प किया।
ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत अपनी 130 करोड़ जनता के सामर्थ्य के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में प्रगति करने का सामर्थ रखता है। मोदी ने कहा कि कोविड-19 के इस काल खंड में भी विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने भारत की ओर रुख किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ऐसे ही भारत की ओर आकर्षित नहीं हुई है। भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास जगाया है। उन्होंने इसी संदर्भ में कोराना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए पीपीटी, वेंटिलेटर और मास्क जैसे सामानों में न केवल आत्मनिर्भरता, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों की मदद के लिए उत्पादन करने में देश की सफलता का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ जरूरी है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने हाल ही में कहा था कि भारत में एफडीआई को लेकर ज्यादा खुलापन है। उन्होंने कहा कि विश्व कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत करीब 79 पायदान की छलांग लगाया है। उन्होंने कहा था कि हमारी उम्मीद है कि इस साल हम टॉप 50 में जगह बनाने में कामयाब रहेंगे और अगले साल हम टॉप 3 देश में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि टॉप दस एफडीआई प्राप्त करने वाले देशों में भारत, व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन (यूएनसीटीएडी) के मुताबिक दक्षिण एशिया में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे लचीली अर्थव्यवस्था के रूप में उभर सकता है। साथ ही 2020 में विदेश निवेश आकर्षित करने में सफल होगा। हालांकि, इस दौरान वैश्विक एफडीआई में गिरावट दर्ज की जाएगी। ज्ञात हो कि 2019 में एफडीआई प्राप्त करने वाली टॉप कंपनियों में भारत 9वें पायदान पर था, जबकि 2018 में भारत की रैंकिंग 12वीं थी। (एजेंसी, हि.स.)
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