मियामी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Former US President Donald Trump) अपने सियासी करियर की सबसे मुश्किल परीक्षा से गुजर रहे हैं. ट्रंप के निजी आवास से मिले गोपनीय दस्तावेज से जुड़े आरोपों से जुड़े अभियोग को सार्वजनिक कर दिया गया है. इसमें उनके खिलाफ 37 आरोप लगाए गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों (national security documents) को जानबूझकर अपने पास रखने, इसे लेकर झूठे बयान देने और गोपनीय दस्तावेज अपने पास होने की बात छिपाने तथा न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने जैसे आरोप लगाए गए हैं.
अमेरिकी इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति पर इस तरह के गंभीर संघीय आरोप लगाए गए हैं. ट्रंप के खिलाफ लगाए सबसे गंभीर आरोपों में 20 साल जेल तक की सजा हो सकती है. हालांकि इनमें सज़ा की मियाद न्यायाधीशों के विवेक पर निर्भर करता है और ऐसा कम ही देखा गया है कि किसी व्यक्ति को अपने पहले ही जुर्म में अधिकतम सज़ा सुनाई गई हैं. यहां ट्रंप के पूर्व राष्ट्रपति होना भी सजा की मियाद तय करने में एक प्रमुख फैक्टर साबित हो सकता है.
ट्रंप के खिलाफ दायर 49 पन्नों के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ये दस्तावेज अपने बाथरूम, बॉलरूम, शावर की जगह पर, ऑफिस, स्टोर रूम और बेडरूम में छिपाए थे. अभियोजकों ने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने संघीय एजेंसी एफबीआई की जांच में बाधा डालने के लिए अपने वकीलों को फाइलें छिपाने या नष्ट करने का आदेश दिया.
इस मामले में ट्रंप के एक सहयोगी वॉल्ट नौटा को सह आरोपी बनाया गया है और उनके खिलाफ 6 अभियोग लगाए गए हैं. अभियोग के अनुसार, ट्रंप ने अपने वकील नौटा से एफबीआई और ग्रैंड ज्यूरी की नजरों से छुपाते हुए गोपनीय दस्तावेजों के इन बक्सों को वापस रखने को कहा था. टॉप सिक्रेट दस्तावेजों में जहां बेहद संवेदनशील जानकारियां होती हैं, जिसतक कुछ सीमित लोगों की ही पहुंच होती है. वहीं सिक्रेट श्रेणी में उन दस्तावेजों को रखा जाता है, जिनके लीक होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचने की आशंका होती है.
डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने जो गोपनीय दस्तावेज अपने घर में छिपाई थीं, उनमें अमेरिका के परमाणु कार्यक्रमों और अमेरिका तथा अन्य देशों के बीच रक्षा और हथियारों की डील से जुड़ी जानकारियां थी. इसके अलावा एक दस्तावेज में यह बताया गया था कि अमेरिका पर कोई हमला होने की स्थिति में उसका कैसा जवाब दिया जाएगा और मैदान-ए-जंग में अमेरिका तथा उसके सहयोगियों की क्या-क्या कमजोरियां हैं.
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