इंदौर। बिजली आपूर्ति (power supply) पर कोई पक्षी या गिलहरी, तोते, कबूतर, चमगादड़ जैसा जीव भी प्रभाव डाल सकता है। इंदौर (Indore) शहर और देहात में गर्मी में इसी तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे न केवल बिजली उपभोक्ता (electricity consumer) परेशान हो रहे हैं, बल्कि बिजली सुधारने वाला स्टॉफ ( electricians) भी परेशान हो रहा है।
बिजली आपूर्ति व्यवस्था में इंसुलेटर का बहुत ही उपयोग होता है, यही बिजली आपूर्ति बनाए रखता है, साथ ही पोल या फिर तार के अलावा अन्य स्थान पर करंट फैलने से रोकने का काम भी करता है। गर्मी में जिस तरह मानव का शरीर जी मचलाने, उल्टी, दस्त या फिर अन्य प्रभाव से ग्रसित होता है, उसी तरह पक्षी व अन्य जीव भी गर्मी से प्रभावित होने के कारण कई बार असहज गतिविधि करते है, या फिर संतुलन खो बैठते है। गर्मी में गिलहरी, तोते, कबूतर, चमगादड़ इत्यादि से फाल्ट हो रहे है। इंसुलेटर के पास पक्षी के बैठने से पक्षी का दूसरा सिरा फैज से मिलने से फाल्ट हो जाता है। यही स्थिति जम्पर के पास बैठने से भी हो जाती है। गिलहरी के भी मुंह का हिस्सा व पूछ दूसरे फैज से मिलने पर फाल्ट हो जाता है, कई बार पक्षी या जीव की मौत तक हो जाती है। बंदरों के कारण भी इस तरह के फाल्ट होते देखे गए है, बंदरों के जोर से कूदने से कई बार तार या कैबल भी टूट जाती है, क्यों कि बंदर का वजन अन्य जीवों की तुलना में काफी ज्यादा होता है।
जीवों, पक्षियों के कारण कई बार ट्रांजिट फाल्ट होते हैं। इस तरह के फाल्ट होने पर कुछ समय बाद बिजली चालू हो जाती है। कई बार फेज मिलने से बड़े स्तर के फाल्ट हो जाते हैं। इस तरह के फाल्ट ढूंढना और ग्रिड, पोल, ट्रांसफार्मर पर जाकर सुधारने में समय भी लग जाता है। सांप, गिलहरी, तोते इत्यादि के कारण भी कई बार फाल्ट हुए, जो सुधारे गए हैं। बिजली व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्मचारी इस तरह के चुनौतीपूर्ण कार्य में डटे रहते हैं।
अमित तोमर, एमडी, मप्रपक्षेविविकं, इंदौर
यहां पर ज्यादा हो रही घटनाएं
मंगलवार की दोपहर इंदौर शहर के परदेशीपुरा चौराहे पर जमीन से करीब पैंतीस फीट ऊपर एक गिलहरी पोल पर चढ़ी एवं डिस्क तक पहुंची। इससे 11 केवी नंदानगर फीडर फाल्ट हो गया। करीब चालीस पोल पर फाल्ट ढूंढा जो नहीं मिला। इसके बाद किसी ने परदेशीपुरा चौराहे पर एक घंटे पहले धमाके होने की सूचना दी। जब बिजली कर्मचारी पोल पर चढ़े तो पता चला कि डिस्क के पास गिलहरी के पहुंचने से फाल्ट हो गया। मृत गिलहरी को हटाकर प्रोटोकॉल के तहत परीक्षण उपरांत लाइन चालू की गई। चार दिन पहले जंजीरवाला चौराहे पर कबूतर बिजली लाइन से टकराया और फाल्ट हो गया, जिससे फाइबर केबल में आग लग गई, जो 20 मिनट तक जारी रही। उसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड का सहारा लेना पड़ा था। वर्ष में दो-तीन बार प्रेस कॉम्प्लेक्स ग्रिड पर सांप चढऩे से फाल्ट होते आए हैं। किला मैदान, पुलिस लाइन, पोलोग्राउंड , राजेंद्र नगर, रेसीडेंसी क्षेत्र में कई बार मोर के बिजली लाइनों के पास उडक़र चले जाने जाने से भी आपूर्ति में बाधा आती है।
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