नई दिल्ली। मां भले ही बच्चे को जन्म देती है लेकिन उस बच्चे को दुनिया को दिखाने का काम पिता ही करता है. बचपन में बच्चा मस्ती करते हुए पिता के साथ खेलता है, मस्ती-मजाक (jokes) करता है और पिता भी उसकी हर इच्छा को पूरी करते हैं. भारतीय कल्चर में पिता को हमेशा काफी सख्त दिखाया जाता है जिस कारण मान लिया जाता है कि हर पिता सख्त होते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. हर पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं. हां, ये हो सकता है वो उतना खुलकर अपनी फीलिंग बच्चों को न बता पाएं लेकिन हर पिता अपने बच्चे की सफलता पर खुश होता है और बच्चे के दुख में दुखी.
कई परिवारों में देखा जाता है, जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वैसे-वैसे पिता और पुत्र के बीच दूरियां बढ़ना शुरू हो जाती हैं. कई बार तो बच्चे अपने पिता से खुलकर बात तक नहीं कर पाते. दरअसल, कुछ ऐसी बातें हैं जो पिता-पुत्र के रिलेशन में कड़वाहट पैदा करती हैं इसलिए उन पर ध्यान देना जरूरी है. अगर आपको लगता है कि इन बातों के कारण ही रिश्ते में कड़वाहट है तो इस फादर्स डे पर उन्हें दूर करें.
2. पिता का अधूरा सपना
आपने देखा होगा हर पिता का सपना होता है कि वे अपनी लाइफ में जो ना कर पाए, उनका बेटा करे. उदाहरण के लिए अगर कोई पिता पुलिस में जाना चाहता था और वो किसी कारण से अपना सपना पूरा नहीं कर पाए तो उनका सोचना होता है कि मैं पुलिस में नहीं जा पाया तो क्या हुआ, मैं अपने बेटे को पुलिस ऑफिसर बनाऊंगा. ऐसे कई उदाहरण हमारे समाज में चारों तरफ देखने मिल जाते हैं.
अब ऐसे में अगर बच्चा शुरू से ही यही सोच रखे कि नहीं मैं पुलिस में नहीं जाऊंगा या पिता की मर्जी के मुताबिक करियर नहीं बनाऊंगा तो रिश्ते में खटास आ सकती है. कई बार बच्चों के फैसले दोस्तों की पसंद से करियर बनाने के कारण गलत भी हो सकते हैं. पिता कभी भी आपके लिए गलत नहीं सोचते इसलिए अगर पिता आपके करियर के लिए कुछ सोचते हैं तो आपको एक बार कोशिश करके जरूर देखनी चाहिए, फिर अगर आपको लगता है कि आपको मजा नहीं आ रहा है तो आप अपने मुताबिक करियर चुन सकते हैं.
3. तुलना करना
‘शर्मा जी का बेटा 95% नंबर लाया है’
ऐसे कई उदाहरण बचपन में हर बेटे को सुनने मिलते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि पिता आपकी तुलना कर रहे हैं या फिर आपको कमजोर दिखाना चाहते हैं. ऐसा बोलने के पीछे उनका मकसद होता है कि जब सामने वाला मेहनत करके सफल हो सकता है तो आप क्यों नहीं. उनका उद्देश्य आपको आगे बढ़ाना होता है ना कि नीचा दिखाना. इसलिए कभी भी अगर आपके पिता किसी का उदाहरण देते हैं तो उसे नेगेटिव तरीके से ना लें.
4. कठोर रवैया
ऐसा मत करो, यह मत करो, यहां मत जाओ, शाम को आठ बजे के बाद घर के बाहर नहीं जाना आदि बातों से कई बच्चों को बुरा लगता है. वे सोचते हैं कि मेरे पिता काफी कठोर हैं और वे कुछ नहीं करने देते. लेकिन ध्यान रखें ऐसा कठोर रवैया रखकर वे आपको आगे के लिए सफल बनाना चाहते हैं और आपको गलत-सही की पहचान कराते हैं. इसलिए कभी भी उनकी बातों का बिल्कुल भी बुरा ना मानें. अगर कुछ चीज आपको सही नहीं लग रही है तो उन्हें बैठकर समझाएं.
5. मोबाइल चलाने की लत
हर पिता अपने बेटे को स्वस्थ देखना चाहता है इसलिए अगर बच्चों को डांटना भी पढ़े तो भी वह पीछे नहीं हटता. आज के समय में लोगों को देर तक मोबाइल चलाने की आदत पढ़ी हुई है वे लोग देर रात तक लेटकर मोबाइल चलाते रहते हैं. इससे आपकी आंखों, दिमाग और शरीर को काफी नुकसान होता है. अगर आप भी ऐसा करेंगे तो पिता डांटेंगे भी और गुस्सा भी होंगे. अब अगर आप इस बात से नाराज होकर पिता से गुस्सा रहेंगे तो यह पूरी तरह से गलत है. पिता आपकी भलाई के लिए ही आपको डांट रहे हैं इसलिए कभी भी पिता की डांट को गलत तरीके से ना लें.
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