भोपाल। ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे सतीश सिकरवार के पिता पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार एवं उनके भाई पूर्व विधायक नीटू सिकरवार पर भाजपा ने शिकंजा कस दिया है। पार्टी ने भितरघार की संभावना के चलते दोनों नेताओं को अंचल से बाहर भेज अनूपपुर एवं मंधाता विधानसभा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार की जिम्मेदारी सौंप दी है। दोनो नेताओं को तत्काल प्रभाव से चुनाव प्रचार के लिए पहुंचने को कहा है। गजराज सिंह और नीतू सिकरकार भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं, जबकि वे चाहते हैं कि उनका बेटा उपचुनाव जीते, लेकिन वे चाहकर भी अपने बेटे के लिए वोट नहीं मांग सकते हैं। गजराज सिंह ने सुमावली सीट से जनता दल से चुनाव लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे। इसके बाद वे सुमावली से भाजपा के टिकट पर विधायक बने। बाद में भाजपा ने उनके छोटे बेटे नीटू सिकरवार को भी टिकट दिया। पिता और भाई भाजपा के पूर्व विधायक हैं। उपचुनाव में गजराज सिंह बड़े बेटे सतीश कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के मुन्नालाल गोयल के सामने हैं। पिछला चुनाव भी उन्होंने मुन्नालाल गोयल से लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे। गजराज सिंह पूरे चुनाव में घर में ही है। लेकिन उनका प्रभाव मुरैना, भिंड एवं ग्वालियर की सीटों पर हैं। यही वजह है कि भाजपा ने गजराज सिंह सिकरवार, उनके पूर्व विधायक बेटे सत्यपाल सिंह (नीटू) सिकरवार को ग्वालियर-चंबल चुनाव से दूर करते हुए दूसरे जिलों में चुनाव ड्यूटी के लिए जाने को कहा है। गजराज सिंह के बड़े बेटे सतीश सिकरवार भाजपा से बगावत करके कांग्रेस के टिकट पर ग्वालियर से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा को अंदेशा है कि पूर्व विधायक पिता-पुत्र ग्वालियर चुनाव में कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं, इसीलिए उन्हें दूसरे जिलों का प्रभार सौंपते हुए तत्काल अपने नई जगह पर काम संभालने के निर्देश भी दिए गए हैं।
करीबियों को भी बाहर भेजा
भाजपा ने पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार को अनूपपुर जिले के उप चुनाव का प्रभारी बनाया गया है। गजराज सिंह के बेटे व सुमावली के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार को मांधाता विधानसभा का प्रभारी बनाया गया है। इनके अलावा मुरैना बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष उदयवीर सिंह सिकरवार को छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा में उप चुनाव के काम का जिम्मा सौंपा है। उदयवीर सिंह, गजराज सिकरवार के सबसे भरोसेमंद हैं। हालांकि पार्टी ने इन नेताओं को दूसरे जिलों में भेजे जाने की पीछे तर्क दिया है कि यह पार्टी की व्यवस्था है।
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