रांची: झारखंड की राजधानी ही नहीं, बल्कि पूरा देश तब गौरवान्वित हुआ, जब दुनिया की नंबर 1 महिला तीरंदाज़ दीपिका कुमारी ने शनिवार को टोक्यो ओलिंपिक में मिक्स्ड टीम में अपने पति प्रवीण जाधव के साथ क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया. इस उपलब्धि के साथ ही, दीपिका के माता और पिता ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गर्व ज़ाहिर किया तो वहीं एक कहानी भी सामने आई. एक तरफ मां ने भारत के लिए गोल्ड की उम्मीद की तो दूसरी तरफ पिता ने भावुक दास्तान बयान की.
दीपिका कुमारी के पिता शिवनारायण महतो ने बताया कि वह अब भी एक मिनी टेम्पो चलाकर अपने परिवार का गुज़ारा करते हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने यह बयान और तस्वीरें जारी करते हुए महतो के हवाले से लिखा, ‘कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. मेरी बेटी की कामयाबी के सफर में इस टेम्पो ने बड़ा रोल निभाया है इसलिए मैं यह पेशा नहीं छोड़ सकता. मेरे बच्चे भी मुझे इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं.’
टोक्यो ओलिंपिक में भारत की तीरंदाज़ के रूप में प्रतियोगिता कर रहीं दीपिका की मां गीता महतो ने कहा, ‘हमें अपनी बेटी और दामाद पर बहुत गर्व है. दोनों ही अपनी भूमिका में देश के लिए प्रतियोगिता कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि दोनों ही भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे.’
दीपिका के माता पिता रांची से 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे रतुचट्टी गांव में रहते हैं. गरीबी और संसाधनों के अभाव के मुश्किल हालात में दीपिका ने विश्व स्तरीय तीरंदाज़ बनने का सफर तय किया. बताया जाता है कि दीपिका बचपन में बांस के धनुष बाण बनाकर प्रैक्टिस करती थी. बाद में टाटा आर्चरी अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाली कज़िन बहन विद्या कुमारी ने दीपिका की मदद की थी.
दीपिका का पूरा परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा देश दीपिका की जीत के लिए दुआ कर रहा है, तो उधर, टोक्यो में दीपिका और प्रवीण ने मिक्स्ड टीम इवेंट में चीनी ताइपेई टीम को हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया है. क्वार्टरफाइनल में दीपिका और प्रवीण का मुकाबला दक्षिण कोरिया की टीम के साथ हो सकता है.
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