- दोनों पक्षों ने सौंपे ज्ञापन-मुख्यमंत्री के घेराव की चेतावनी
नागदा। पाँच दिन पहले एक बालिका नव्या पिता नरेंद्र रघुवंशी की मौत हो गई थी। परिजनों ने नगर के डॉ. एसआर चावला पर कथित रुप से गलत इलाज करने का आरोप लगाया हैं। शनिवार को इसी मामले को लेकर नगर के विभिन्न समाज, सामाजिक संगठन व डॉक्टर आमने-सामने हुए। डॉक्टर के विरोध में नगर के राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के अलावा समाजों ने मौन जुलूस निकालकर एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंप चेतावनी दी। दूसरी तरफ स्वास्थ्य संस्थाएं, सिंधी समाज, लायंस क्लब उनके बचाव में खड़ा हुआ।
डॉ. चावला के पक्ष में नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व नागदा सिंधी पंचायत आया है। तीनोंं की तरफ से कलेक्टर के नाम एसडीएम आशुतोष गोस्वामी को ज्ञापन सौंपे गए। ज्ञापनों में बताया गया कि नव्या मस्तिष्क ज्वर से पीडि़त थी। उसकी मौत का कारण भी यही है ना ही गलत इलाज। इसकी पुष्टि उज्जैन के वरिष्ठ, प्रसिद्ध शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि राठौर व डॉ. विवेक सिरोलिया ने की है। ऐसे में चिकित्सकों पर निरर्थक व आधार रहित आरोप लगाकर उनका मनोबल गिराना कहाँ तक उचित हैं। इससे कोई भी चिकित्सक गंभीर मरीज को हाथ नहीं लगाएगा। नागदा एवं खाचरौद आयुष डॉक्टर्स नागदा खाचरौद पेरिफेरी, डेंटिस्ट्स एसोसिएशन, लायंस क्लब भी डॉक्टर चावला के पक्ष में आगे आएं।
उच्च स्तरीय जाँच नहीं तो आंदोलन नव्या को उचित न्याय दिलाने के लिए शनिवार को करणी सेना, क्षत्रिय महासभा, भीम आर्मी, रघुवंशी समाज तथा दूसरे तीसरे क्रम के नेता भी नजर आए। मौन जुलूस के रुप में कन्याशाला चौराहा से निकलकर मंडी थाने पहुँचे। इस दौरान मृतका के पिता, भाई नव्या की तस्वीर लिए चल रहे थे। मंडी थाने पर एसडीएम के नाम नायब तहसीलदार जीएल राजोरिया को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें माँग कि गयी कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से मामले की जाँच करवायी जाए। कार्यवाही नहीं होने पर मुख्यमंत्री के आगमन पर उनका घेराव कर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई। नव्या के पिता ने बताया कि जब नव्या को पाटीदार अस्पताल उज्जैन ले जाया गया तो वहाँ हाई डोज देने की बात कही गई। यह भी बताया गया कि नव्या का ब्रेन लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक डेड हो चुका हैं। 28 जून को डॉक्टर ने 100 प्रतिशत तक ब्रेन डेड होने की बात कहकर उसे घर ले जाने का कह दिया। पाटीदार अस्पताल से बच्ची को ले जाने से पहले परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से डॉ. चावला व जनसेवा से लिखा गया पर्चा माँगा गया तो उन्होंने आनाकानी की। परिजनों ने हंगामा किया तब जाकर पर्चा डस्टबीन में से निकालकर दिया गया। परिजन नव्या को लेकर आरर्डी गार्डी अस्पताल पहुँचे। पिता ने मांग की है कि डॉक्टर चावला के क्लिनिक के सीसीटीवी फुटेज चेक किए जाएँ। साथ ही पर्चे में लिखी गई दवाईयों व यहाँ काम करने वाले स्टॉफ की शैक्षणिक योग्यता की भी जाँच की जाना चाहिए।