इंदौर। चार दिन पहले एमवाय अस्पताल (MY Hospital) के पास आधी रात (Night) को लावारिस हालत (unclaimed condition) में छोड़े गए चार बच्चों (four children) के मामले में उनके परिजन का पता चल गया है। गुरुवार को इनका पिता भोपाल से इंदौर पहुंचा और बच्चों की शिनाख्त की। पिता ने बताया कि उसकी पत्नी तीन माह पहले चार बच्चों को अपने साथ लेकर अशोक नगर स्थित मायके जाने का कहकर निकली थी लेकिन फिर नहीं लौटी। पिता जब तीन माह बाद बच्चों से मिले तो वे काफी भावुक हो गए।
अभी पिता ने बच्चों के आधार कार्ड सहित कोई भी दस्तावेज नहीं दिए हैं। इसलिए बच्चों को उन्हें सौंपा नहीं जा सका। अब जल्दी ही वे इससे संबंधित दस्तावेज लेकर लौटेंगे। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति ने बच्चों के दादा-दादी को भी बुलाया है। उनके द्वारा भी पहचान की जाएगी और फिर बच्चों को सौंपने की विधिवत प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
पिता मुंशी खा अपने रिश्तेदार के साथ संयोगितागंज थाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि पत्नी ने कहा था कि अशोक नगर में मेला लगा हुआ है। मेले में बच्चों को घुमाने ले जा रही हुं, लेकिन उसके बाद तीन माह से वह नहीं लौटी। मैने पत्नी और बच्चों को खरगोन, बड़वानी और इंदौर में तलाशा था। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने अशोक नगर में भी बच्चों की नानी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी राईमा और मुंशी ही बच्चों को संभाले। हमें कोई आपति्त नहीं है।
चार बच्चों को इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक मई को लावारिस छोड़ दिया। वे सुबह से भूखे थे। पुलिसकर्मी उन्हें संयोगितागंज थाने ले गए और भरपेट उन्हें खाना खिलाया। बच्चों के पास एक कंबल भी मिला था। उसी कंबल को लपेट कर बच्चे परिसर में बैठे मिले थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved