नई दिल्ली । अमेरिका (America) में पिता-बेटी (Father-Daughter) की जोड़ी ने एक साल की कड़ी मेहनत के बाद नामुकिन से टास्क को पूरा कर लिया है। इन्होंने एक साल पहले मंगल ग्रह (Mars planet) से आया रहस्यमयी सिग्नल (Mysterious signal) डिकोड कर दिया है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) के एक अंतरिक्ष यान को मंगल ग्रह से यह सिग्नल मिला था। जिसे सॉल्व करने के लिए पिता-बेटी की जोड़ी एक साल से मेहनत कर रही थी। डेटा को एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आम लोगों के साथ भी साझा किया गया था। इस चुनौती को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों से लेकर अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले लोगों ने भी इसे सॉल्व करने की कोशिश की, लेकिन कमाल पिता और बेटी की ये जोड़ी कर गई।
इस सिग्नल को डिकोड करने के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ESA और INAF ने एक सिटिजन साइंटिस्ट कॉम्पीटिशन रखा और केन और केली ने बीते 22 अक्टूबर को इस रहस्यमयी सिग्नल को डिकोड कर दिया। इसके लिए इन्हें हजारों घंटों तक कई रिसर्च करनी पड़ी और तमाम प्रयोग करने पड़े।
इस प्रोजेक्ट का नाम “ए साइन इन स्पेस” रखा था। इस सिग्नल से उन्हें यह पता चलने में मदद मिली कि क्या मनुष्य किसी एलियन सभ्यता से पहला संपर्क बनाने में सक्षम हैं?
सिग्नल से क्या पता
इस जोड़ी ने पाया कि संदेश में कुछ जैविक संदर्भ थे। सफेद डॉट्स और लाइनें थी। जिस पर काले रगं का बैकग्राउंड था। इनसे पता लगा कि ये कोशिका का निर्माण कर रहे हैं-यानी जीवन के निर्माण का। सिग्नल में पांच अमीनो एसिड थे, जो ब्रह्मांड में जीवन निर्माण दिखाते हैं। सिग्नल को क्रैक करने के बावजूद, केन और केली इस मैसेज में छिपे अर्थ को डिकोड करने में असमर्थ थे।
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