इंदौर। क्राइम ब्रांच ने पिता-पुत्र सिकलीगरों को पकडक़र उनसे 25 पिस्टल और 455 कारतसू जब्त किए हैं। बताते हैं कि ये लोग खोल तो गुजरात से मंगवाते थे, जबकि बारूद के लिए सुतली बम और माचिस की तीली का उपयोग करते थे। कारतूस के पीछे स्पार्क के लिए टिकली का मसाला लगाते थे। डिलीवरी के लिए उन्होंने एक एवजी रख रखा था। पुलिस को खोल बनाने वाले लेथ मशीन के मालिक और एवजी की तलाश है।
क्राइम ब्रांच ने पहले गुरुदास निवासी अंजड़ को पकड़ा था। फिर उसके पिता बिल्लौरसिंह को गुजरात से पकड़ा। इनके पास से कई पिस्टल और कारतूस जब्त हुए हैं। आरोपियों ने बताया कि वे सभी सिकलीगरों के डेरों पर कारतूस सप्लाई करते थे, क्योंकि बाकी सिकलीगर कारतूस नहीं बना पाते थे और गुंडे उनसे कारतूस की डिमांड करते थे। इसके अलावा गुजरात के वडोदरा से खोल लाने और कारतूस-कट्टों की डिलीवरी के लिए उन्होंने एक मजदूर को एवजी रख रखा था। उसे पंद्रह हजार रुपए महीना वेतन देते थे। वह बस, रेल और बाइक से डिलीवरी देने जाता था। ये लोग इंदौर के अलावा नीमच, रतलाम, मंदसौर, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के कई गैंगस्टरों और सटोरियों को कारतूस और कट्टे बेचते थे। कारतूस सिकलीगरों को दो सौ से ढाई सौ रुपए में देते थे।
पांच साल में दस हजार से अधिक कारतूस खपा चुके
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे पांच साल से कारतूस बना रहे हैं। इसके पहले लाइसेंसी दुकान के मालिकों से कारतूस लेते थे, लेकिन ज्यादा कारतूस नहीं मिलने के चलते उन्होंने कारतूस बनाना शुरू किया था। वे पांच साल में दस हजार से अधिक कारतूस बनाकर सप्लाई कर चुके हैं। इंदौर के दो-तीन बदमाश भी उनके लिए एजेंट जैसा काम करते थे। वे उनसे कारतूस खरीदते और दूसरे बदमाशों को बेचते थे।
200 से अधिक पिस्टल जब्त कर चुकी है पुलिस
इस साल क्राइम ब्रांच की सिकलीगरों पर विशेष नजर है। इसके चलते क्राइम ब्रांच अब तक एक दर्जन से अधिक सिकलीगरों से दो सौ से अधिक पिस्टल जब्त कर चुकी है, जबकि उनके हथियार लेकर इंदौर से गुजर रहे पंजाब, हरियाणा, होशंगाबाद और राजस्थान के कई बदमाशों को भी पकड़ चुकी है।
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