पेरिस (Paris) । फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस में स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को ग्रे लिस्ट (gray list) से हटा दिया है। इसे यूएई (UAE) के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है। ग्रे लिस्ट में उन देशों को डाला जाता है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से लड़ने के लिए सभी तरह के कदम नहीं उठाते हैं। पेरिस में एफएटीएफ की बैठक के बाद यूएई समेत कई देशों को ग्रे लिस्ट से बाहर निर्णय लिया गया है। एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने संबंधी नीतियों में सुधार को लेकर यूएई की सराहना की है।
FATF ने किन-किन देशों को निकाला
एफएटीएफ ने शुक्रवार को बैठकों के बाद एक बयान में कहा कि बारबाडोस, जिब्राल्टर और युगांडा को भी ‘ग्रे’ सूची से बाहर किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि ये देश अब एफएटीएफ की बढ़ती निगरानी प्रक्रिया के तहत नहीं आएंगे। एफएटीएफ की सूची में शामिल देशों में निवेशक निवेश करने और कर्जदाता कर्ज देने से कतराते हैं, जिससे आयात, उत्पादन आदि प्रभावित होता है। साथ ही वैश्विक बैंक भी इन देशों में कारोबार करने से बचते हैं।
क्या है FATF?
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल भी कहा जाता है। यह एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों ने 1989 में स्थापित किया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखना है। इसके अलावा एफएटीएफ फाइसेंस संबंधी मुद्दे पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।
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