नई दिल्ली (New Dehli)। पांच राज्यों (five states) राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में किसकी सरकार (Government)बनेगी इसका पता 3 और 4 दिसंबर (4th December)को लग जाएगा। पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे (election results)3 दिसंबर को आने निर्धारित थे, मगर चुनाव आयोग ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजों को 4 दिसंबर को जारी करने का ऐलान किया है। जाहिर है चुनाव संपन्न होने के बाद इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भी किस्मत वोटिंग मशीन में बंद हो गई है, मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि किस राज्य के मुख्यमंत्री ने अपना किला बचाया और किसे अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। इस बीच एग्जिट पोल में भी इन राज्यों में हुई विधानसभा चुनाव की सूरत उभर कर आ रही है। आइए एक नजर डालते हैं उन 5 राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर।
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश को लेकर ज्यादातर एग्जिट पोल ने दावा किया कि वह इस बार भी राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रहेंगे। भूपेश बघेल पाटन विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं, इस बार भी वह इसी सीट से अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं। उनके सामने बीजेपी ने सांसद विजय बघेल को उतारा है, जो मौजूदा वक्त में दुर्ग से सांसद हैं। सांसद विजय बघेल रिश्ते में भूपेश के भतीजे हैं। भूपेश बघेल 1993 से पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। क्या इस बार भी वह इस सीट पर अपना परचम लहराते हैं, यह मतगणना के बाद पता चल जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड वक्त तक सीएम की कुर्सी पर काबिज रहने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। अपनी सियासी दांव के लिए मशहूर शिवराज के लिए यह इलाका उनका गढ़ माना जाता है। इस सीट पर उनकी जीत लगभग तय मानी जाती हैं मगर इस बार उनकी किस्मत क्या होगी इसके बारे में कल पता चल जाएगा। कई एग्जिट पोल के आंकड़े मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता में वापसी की तरफ इशारा कर रहे हैं। मगर सवाल है कि यदि बीजेपी चुनाव जीत जाती है तो क्या शिवराज सिंह चौहान वापस से सीएम बनेंगे? यह सवाल वाकई अब एक यक्ष प्रश्न बन गया है।
अशोक गहलोत
राजस्थान की सियासत से सबसे माहिर खिलाड़ी कहे जाने वाले अशोक गहलोत एक बार फिर से राजस्थान में अपनी कुर्सी बनाए रखने के लिया चुनावी रण में हैं। अशोक गहलोत फिर से सरदारपुरा विधानसभा सीट से मैदान में हैं। इस सीट पर वह पिछले 25 सालों से जीत दर्ज करते आए हैं। गहलोत इस सीट से अजेय कहे जाते हैं। एग्जिट पोल की बात करें तो राजस्थान का सियासी रण काफी पेचीदा नजर आता है। बीजेपी और कांग्रेस में यहां कांटे की टक्कर है। इस बात का पता मतगणना के बाद चलेगा कि यदि अशोक गहलोत अपनी सीट से चुनाव जीत भी जाते हैं तो क्या वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बन पाएंगे या नहीं।
के चंद्रशेखर राव
सभी एग्जिट पोल पर गौर करें तो आंकड़े तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी की हार की तरफ इशारा कर रहे हैं। इस बार दो विधानसभा सीट से खड़े हुए केसीआर की जीत को लेकर कई एग्जिट पोल में संशय जाहिर किया गया है। केसीआर को कामारेड्डी सीट से हार का सामना करना पड़ सकता है, यहां से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ताल ठोक रहे हैं। दूसरी विधानसभा सीट गजवेल है, यहां भी उनकी राह आसान नहीं लग रही है। इस सीट पर सबसे ज्यादा चुनौती पुराने साथी और उनके पूर्व मंत्री इटाला राजेंद्र दे रहे हैं। वहीं एग्जिट पोल में नजर आया है कि कांग्रेस तेलंगाना में रिकॉर्ड बहुमत से सरकार बनाती दिख रही है। हालांकि, तेलंगाना के भाग्य में क्या है इसका पता कल चल जाएगा।
जोरमथंगा
मिजोरम के मौजूदा सीएम जोरमथंगा एमएनएफ पार्टी के चीफ हैं। वह जोरमथंगा आइजोल पूर्व-1 सीट से विधानसभा चुनाव के सियासी मैदान में उतरे हैं। वह इस विधानसभा सीट से रिकॉर्ड सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। एग्जिट पोल में जोरमथंगा के लिए सकारात्मक रुझान हैं। यदि यह रुझान वास्तविक आंकड़े में बदलते हैं तो वह फिर से मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो सकते हैं।
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