फाल्गुन माह में 19 मार्च यानि आज है स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi) का व्रत रखा जाएगा आपको बता दें कि स्कंदषष्टी का व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित है । कई जगहों पर ऐसा वर्णन है कि भगवान कार्तिकेय को युद्ध का राजा माना जाता था। इसी कारण से देवताओं ने इन्हें अपना सेनापति नियुक्त किया था। इनका निवास स्थान दक्षिण दिशा में माना जाता है। ऐसे में खासतौर से इनकी पूजा दक्षिण भारत में की जाती है। यहां पर भव्य तरीके से इनकी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अगर इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत किया जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि (Prosperity) आती है। कहा जाता है कि यह व्रत रखने से संतान के कष्ट भी कम हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार, यह भी कहा जाता है कि स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय (Lord Karthikeya) ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था।
स्कंद षष्ठी का महत्व (Importance of Skanda Shashti) :
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय (Lord Karthikeya) की पूजा की जाती है। पूरे विधि-विधान के साथ अगर पूजा की जाए तो व्यक्ति ग्रह बाधा से मुक्त हो जाता है। इसके साथ ही सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। जीवन की सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। भगवान कार्तिकेय को दक्षिण भारत (South india) में सुब्रह्मण्यम कहा जाता है। इस दिन तमिलनाडू (Tamilnadu) के मुरुगा के मंदिरों में भव्य उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
स्कंद षष्ठी व्रत विधि (Skanda Shashthi fasting method):
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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