आज का दिन मंगलवार (Tuesday) है और इसी के साथ आज गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) व्रत का त्यौहार भी है । आपको जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi) को फाल्गुन (Phalgun) संकष्टी चतुर्थी या गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) भी कहा जाता है। संकष्टी चतुर्थी व्रत मंगलवार (Tuesday) के दिन पड़ने पर अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन लोग मनचाहे वरदान की प्राप्ति के लिए भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के साथ व्रत भी रखते हैं। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर विघ्नहर्ता को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा-अर्चना के साथ अपनों को इस खास दिन की बधाई भी देते हैं। आज इस लेख के माध्यम से आज हम आपको बतानें जा रहें हैं तो गणेश चतुर्थी व्रत गणेश जी की पूजा के कूछ उपाय तो आइये जानतें हैं ।
गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व (Importance of Ganesh Chaturthi fast)-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश (Lord Shri Ganesh) की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं। शास्त्रों में भगवान श्री गणेश (Lord Shri Ganesh) को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना शुभ होता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूर्ण माना जाता है।
इस दिन लाल वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है।
पूजा करते समय मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
साफ आसन या चौकी पर भगवान श्रीगणेश को विराजित करें।
अब भगवान श्रीगणेश की धूप-दीप से पूजा-अर्चना करें।
पूजा के दौरान ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः मंत्रों का जाप करना चाहिए।
पूजा के बाद श्री गणेश (Lord Shri Ganesh) को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।
शाम को व्रत कथा पढ़कर और चांद को अर्घ्य देकर व्रत खोलें।
व्रत पूरा करने के बाद दान करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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