नई दिल्ली । केन्द्र सरकार (Central government) ने दिसंबर 2017 से पहले खरीदे गए सभी पुराने फोर व्हीकल के लिए फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने M और N कैटिगरी के पुराने वाहनों के लिए 1 जनवरी 2021 तक फास्टैग का होना जरूरी कर दिया गया है। यह नया नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगा। यह नियम फ्रॉम 51 (बीमा का प्रमाण पत्र) में संशोधन के जरिए बनाया गया है। सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, फास्टैग को अब 1 जनवरी, 2021 से पुरानी गाड़ियों यानी 1 दिसंबर, 2017 से पहले बेची जाने वाली मोटर वाहनों (चार पहिया वाहनों) की सीएमवीआर, 1989 में संशोधन कर FASTag को जरूरी कर दिया है। देश के लगभग सभी बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंक जैसे कि एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक से फास्टैग ले सकते हैं। अमेजन या पेटीएम से भी फास्टैग खरीदे जा सकते हैं। बड़े पेट्रोल पंप पर भी फास्टैग खरीदने की सुविधा है। साथ ही NHAI की ओर से फास्टैग की फ्री सुविधा के लिए सभी टोल प्लाजा पर बिक्री केंद्र लगाए गए हैं।
ज्ञात हो कि नए फोर व्हीकल्स के लिए रजिस्ट्रेशन के समय से ही फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया था और वाहन निर्माता या उनके डीलरों को इसकी आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके अलावा कि राष्ट्रीय परमिट वाहनों के लिए 1 अक्टूबर 2019 से फास्टैग का फिट होना अनिवार्य कर दिया गया है। अब इसे और अधिक अनिवार्य कर दिया गया है।
सरकार का मकसद टोल प्लाजा को कंप्लीट डिजिटल करना है। इससे कई पॉजिटिव असर देखने को मिल सकते हैं। जब डिजिटल टोल होंगे तो रेवेन्यू में भी नुकसान नहीं होगा और देशभर में बड़ी मात्रा में ईंधन (पेट्रोल और डीजल या गैस) की खपत भी कम होगी यानी भारी बचत होगी।
बता दें कि फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है। फास्टैग रिचार्ज होने वाला प्रीपेड टैग है जो आपको अपनी गाड़ी के विंडशील्ड पर अंदर की तरफ से लगाना पड़ता है।
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