जम्मू। नेकां प्रमुख एवं सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा लोगों से झूठ बोलती है। चुनावों में नफरत और धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगती है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 750 किसानों ने शहादत दी। खुद जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों का समर्थन करते हुए भाजपा को आगामी चुनाव में हार के संकेत दिए थे।
पांच राज्यों में हार को देखते हुए मोदी सरकार ने कृषि कानून रद्द कर दिए। डॉ. फारूक मंगलवार को शेर-ए-कश्मीर भवन जम्मू में नेशनल कांफ्रेंस के केंद्रीय जोन जम्मू के एक दिवसीय सम्मेलन में बोल रहे थे। नेकां प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अफसरशाही से आम लोगों की सुनवाई नहीं हो रही।
खुद भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता कहते हैं कि अफसरशाही को खत्म करें नहीं तो यहां के लोग बर्बाद हो जाएंगे। हर तरफ तानाशाही है, अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। नए कृषि कानूनों पर संसद में विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया गया। संसद का काम देश के मसलों का हल करना है और इसके लिए बहस जरूरी है। लेकिन देश में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। भाजपा सोच रही है कि उसके पास पूर्ण बहुमत है तो वे कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन समय इसका जवाब देगा।
हम शांति से अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगें : फारूक
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम शांति से अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य के लोगों ने महात्मा गांधी के भारत को स्वीकार किया है न कि नाथूराम गोड़से के भारत को। नफरत और सांप्रदायिक राजनीति देश के हित में नहीं है और भाजपा को इसे बेहतर तरीके से समझना चाहिए। हम देशद्रोही नहीं हैं और कभी भी देश के खिलाफ नहीं बोला है। आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को नजरअंदाज करके सरकारी नौकरियों में बाहर के लोगों को लगाया जा रहा है।
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