जम्मू: जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. सेना लगातर इन आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब दे रही है. इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस हमलों को लेकर सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा कि एजेंसियों को यह पता लगाना चाहिए कि क्या यह उमर अब्दुल्ला की सरकार अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है. जिस पर अब उन्हें एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार का भी साथ मिला है. जम्मू-कश्मीर में हाल में ही विधानसभा चुनावों के परिणाम आएं हैं और राज्य में उमर अब्दुल्ला की सरकार बनी हैं.
महाराष्ट्र के बारामती में एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी शख्सियत हैं. उन्होंने अपना जीवन जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा में बिताया. मुझे उनकी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर कोई संदेह नहीं है. यदि कोई नेता कोई बयान दे रहा है तो केंद्र सरकार खासकर गृह मंत्रालय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और उस स्थिति को कैसे सुलझाया जा सकता है, इस पर काम करने की कोशिश करनी चाहिए”.
हाल में ही यह पूछे जाने पर कि क्या हालिया बडगाम आतंकी हमले सहित जम्मू-कश्मीर में होने वाले आतंकवादी हमलों के लिए हर बार पाकिस्तान को दोषी ठहराया जाना चाहिए के सवाल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “इसका कोई सवाल ही नहीं है, मैं कहूंगा कि इसकी जांच होनी चाहिए. उन्हें मारा नहीं जाना चाहिए, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और पूछा जाना चाहिए कि उनके पीछे कौन है. हमें जांच करनी चाहिए कि क्या कोई एजेंसी है जो उमर अब्दुल्ला को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.”
जम्मू-कश्मीर में ‘बाहरी’ लोगों को निशाना बनाने की एक और घटना सामने आई है. बडगाम जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया.अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी हमला बडगाम के मगाम इलाके के मजहामा गांव में हुआ.
एक अधिकारी ने बताया, “उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय और उस्मान नाम के दो गैर-स्थानीय लोगों को मगाम इलाके के मजहामा गांव में आतंकवादियों ने गोली मारकर घायल कर दिया. उन्हें पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है. दोनों जल शक्ति परियोजना पर काम कर रहे थे.” उन्होंने बताया कि जिम्मेदार आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके को सुरक्षाकर्मियों ने घेर लिया है.
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