रतलाम। श्रावण मास पूरा सूखा निकल गया। बारिश की लम्बी खेंच के कारण लोगों में आशंका व्याप्त हो गई है कि कही यह वर्ष सूखाग्रस्त न हो जाए, क्योंकि अभी तक गत वर्ष की तुलना में 233.5 मिमी बारिश कम हुई है। जिले के 8 विकासखंडों में बारिश कम हुई है, जबकि अगस्त के प्रथम सप्ताह तक सामान्य 455 मिमी वर्षा होती है। कम वर्षा होने से फसलों को नुकसान होने की संभावना है, किसान चिंतित है कि यदि बारिश कम हुई तो उनका यह साल भी फसलों की दृष्टि से खराब जाएगा। इसलिए तरह-तरह की मन्नत कर बारिश की कामना कर रहे हैं।
अभी तक आलोट में 451, जावरा में 369, ताल में 467, पिपलौदा में 269, बाजना में 436, रतलाम में 370, रावटी में 456, सैलाना 469 मि.मी. इस प्रकार औसत वर्षा 423.5 मि.मी. हुई है। गुरूवार प्रात: 8 बजे तक आलोट में 5, जावरा मे 41, ताल में 16, पिपलौदा में 15, बाजना ेमें 24,रतलाम में 5, रावटी में 14, सैलाना में 10 इस प्रकार 16.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई।
गत वर्ष इस अवधि में अभी तक आलोट में 622, जावरा में 661, ताल में 702, पिपलौदा में 585, बाजना में 459, रतलाम में 643, रावटी में 837, सैलाना में 746मि.मी. इस प्रकार 657 मि.मी. वर्षा हुई थी।
इस तरह अभी तक आलोट में 171, जावरा में 192, ताल में 233, पिपलौदा में 316, बाजना में 23, रतलाम में 273, रावटी में 380, सैलाना में 277 कुल औसत जिले में 233 मि.मी. वर्षा कम हुई है।
अभी तक सबसे ज्यादा बारिश सैलाना, जावरा तथा ताल में 469 मि.मी. वर्षा हो चुकी है, जबकि सबसे कम बारिश 269 मि.मी. पिपलौदा ब्लाक में हुई है।
लोगों का अनुमान है कि सावन के बाद अब भादौ में ही भारी वर्षा संभावित है, जिसमें जिले की औसत वर्षा का आंकड़ा पूरा हो सकता है। जलाशयों में अभी भी पानी नहीं भर पाया है, जिससे लोगों में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लोगों का यह भी कहना है कि अधिक मास होने के कारण भादौ के बाद भी बारिश संभावित है। अन्य प्रांतों में बारिश का जौर देखते हुए मालवा सहित रतलाम जिले में भी बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है।
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