भोपाल। प्रदेश में अब किसानों की जमीनों के रिकॉर्ड पूरी तरह से डिजिटल हो गए हैं। लगभग सभी तहसीलों में जमीनों के रिकॉर्ड के डिजिटाइलेशन का काम पूरा हो चुका है। साथ ही किसानों केा खसर-खतौनी एवं अन्य सेवाएं भी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं। ऐसे में अब किसानों को आगे से भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका नहीं मिलेगी। यह सेवा डिजिटल उपलब्ध रहेगी। भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका की छपाई पर सरकार को हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने होते हैं। अब यह सुविधा किसानों के लिए डिजिटल उपलब्ध रहेगी। यदि किसान को भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका की जरूरत पड़ती है तो वह डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करा सकता है या फिर प्रिंट कॉपी दे सकता है। बैंक, तहसील एवं अन्य सभी तरह की सेवाएं ऑनलाइन होने के बाद अब भ्ूा-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका की उपयोगिता न के बराबर रही है।
कोर्ट में जमानत के लिए भी होगी ऑनलाइन एंट्री
आमतौर पर किसान भू-अधिकार पुस्तिका का उपयोग बैंक एवं कोर्ट में जमानत देने के लिए करते हैं। अब जमानत देने के लिए भी भू-अधिकार पुस्तिका की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि कोर्ट को यह अधिकार दिए गए हैं कि वह संबंधित जमानतदार की जमीन के खसरे में यह दर्ज कर सकता है कि भू-स्वामी ने जमानत दी है। यही व्यवस्था बैंक में रहेगी। बैंक भी अब किसानों से जमानत देने या फिर कर्ज देेने के लिए भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका की मांग नहीं करेंगे। क्योंकि बैंक कर्ज लेने वाले किसान की भ्ूामि का रिकॉर्ड ऑनलाइन देख सकेंगे। जरूरत पडऩे पर बैंक किसान की जमीन केा खुद बंधक बना सकते हैं।
रबी फसलों का 31 दिसम्बर तक बीमा कराएं किसान
प्रदेश के किसान रबी फसलों का बीमा 31 दिसम्बर तक करा सकते हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से फसल बीमा कराने की अपील की कहै। उन्होंने बी की फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमा कराने के लिये प्रचार-रथों को हरी-झण्डी दिखाकर रवाना किया। पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 की रबी फसलों का अधिक से अधिक बीमा कराने के लिये 52 प्रचार-रथों से किसानों को जागरूक किया जायेगा। प्रचार-रथ 30 दिसम्बर तक प्रदेश के अधिकतम गांवों तक पहुंचकर किसानों को जागरूक करेंगे। मंत्री पटेल ने बताया कि 100 प्रचार-रथों द्वारा जागरूकता संबंधी प्रचार-प्रसार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा 40 जिलों में, एचडीएफसी द्वारा 10 जिलों में और रिलायंस कम्पनी द्वारा 2 जिलों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। प्रत्येक रथ एक दिन में 4 से 5 गाँव में जाकर किसानों को जागरूक करेगा।
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