नई दिल्ली: दिल्ली में G20 की बैठक 9 और 10 सितंबर को होनी है. ऐसे में सरकार (Goverment) ने विदेशी मेहमानों के स्वागत से लेकर मेहमान नवाजगी की सभी तैयारियां कर ली हैं. इस बैठक में अमेरिका, रूस (America, Russia) से लेकर कई देशों के डिप्लोमैट शामिल होने भारत आ रहे हैं. जिनका मकसद भारत (India) के साथ मिलकर देश को आगे बढ़ना है.
इसी कड़ी में G20 बैठक से किसानों (farmers) को बड़ी राहत मिलने की संभावना है. दरअसल, भारत G20 देशों के साथ मिलकर खेती-किसानी को आधुनिक बनाना चाहता है. किसानी को बेहतर बनाने के लिए हैदराबाद में हुई G20 में चर्चा हुई थी. आइए बताते हैं किसानों के लिए G20 बैठक से क्या खास निकल सकता है.
सैटेलाइट से किसानी होगी आसान
15-17 जुलाई हैदराबाद में हुई G20 की बैठक में खेती किसानी के नए आयामों पर चर्चा की गई. देश के कृषि ढांचे में आ रहे सकारात्मक बदलावों पर चर्चा हुई. इस मौके पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डी. दत्ता ने कहा कि इस समय देश में किसानों की सहायता के लिए देश और विदेश के 10 से ज्यादा सैटेलाइट काम कर रहे हैं.
सैटेलाइट किसानों का जीवन आसान बना सकता है. उससे फसलों का आकलन आसान होगा. फसल बीमा का क्लेम लेना आसान होगा. मौसम के पूर्वानुमान से लेकर फसल की गुणवत्ता तक का पता लगाया जा सकेगा. तटीय इलाकों में मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए सटीक जानकारी के साथ पल-पल की जानकारी सैटेलाइट के जरिए मिलरही है. साथी ही बागवानी क्षेत्र को भी आगे बढ़ाने के लिए पहल हो रही है.
G20 में शामिल होंगे ये देश
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के अनुसार यह बैठक नौ से 10 सितंबर तक होगी. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री तीन देशों की यात्रा के तहत इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत की यात्रा करेंगे. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन अपने समूह के साथ ओबेरॉय होटल में ठहरेंगे. वह शिखर सम्मेलन में अन्य नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करेंगे, जो उनके एजेंडे में महत्वपूर्ण विषयों में से एक है. बैठक के बाद एर्दोगन 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे. बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त के अनुसार, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शिखर सम्मेलन में शामिल होंगी.
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