जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ((Chief Minister Ashok Gehlot)) ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश को जल और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने (state government should make the state self-reliant in the field of water and energy) की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर गांव-ढाणी तक गुणवत्तायुक्त बिजली और पेयजल उपलब्ध हो। वर्तमान में प्रदेश के 15 जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2023 तक सभी जिलों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध होने लगेगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि राजीव गांधी लिफ्ट परियोजना के सभी चरणों के काम समय पर पूरे किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अकाल और सूखा पड़ना आम बात थी। यहां के लोगों ने हमेशा से ही पानी की किल्लत का सामना किया है। पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की दूरदर्शी सोच से इंदिरा गांधी नहर का सपना साकार हुआ और आज पंजाब से लेकर जैसलमेर तक नहरी पानी पहुंच सका। पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पीने के पानी की समस्या का काफी हद तक समाधान संभव हुआ है।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। आजादी के समय जहां राजस्थान में कुल 13 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी, वहीं आज 21 हजार मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। हमारी सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास पर फोकस कर रही है। वर्ष 2024 तक करीब 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। इसके लिए बड़ी-बड़ी कम्पनियां प्रदेश में निवेश भी कर रही हैं और राजस्थान सरकार निवेशकों को बेहतर नीतियों और सुविधाओं का लाभ दे रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि यह माहमारी अभी खत्म नहीं हुई है, केवल इसका प्रसार धीमा हुआ है। विशेषज्ञ लगातार तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सभी लोग कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में 15 लाख वैक्सीन प्रतिदिन लगाने की क्षमता विकसित कर ली है, लेकिन केन्द्र सरकार से समुचित मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रतिदिन केवल डेढ़ लाख तक टीके ही लग पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध करवाए जाएं, तो हम इस वर्ष दिसम्बर तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी प्रदेशवासियों को वैक्सीनेट कर सकते हैं।
जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार पेयजल और ऊर्जा परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2022 तक 10 कस्बों, 3,254 गांवों और 1,663 ढाणियों को पानी पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत 20 लाख घरों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 6,684 नए नलकूप लगाए गए हैं और 6 लाख से अधिक खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत की गई है। पिछले ढाई वर्ष में प्रदेश में 2300 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त उत्पादन किया गया है।
जोधपुर के जिला प्रभारी मंत्री एवं उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कहा कि जोधपुर में राजीव गांधी लिफ्ट नहर परियोजना से लाखों लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने बिजली एवं पानी के क्षेत्र में जोधपुर को दी गई सौगातों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। सूरसागर विधायक श्रीमती सूर्यकान्ता व्यास ने गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में जोधपुर में अभूतपूर्व विकास हुआ है। जिले को कई महत्वपूर्ण पेयजल परियोजनाएं मिली हैं। लोहावट विधायक किशनाराम विश्नोई, फलौदी विधायक पब्बाराम विश्नोई, ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा, शेरगढ़ विधायक श्रीमती मीना कंवर, जोधपुर शहर विधायक श्रीमती मनीषा पंवार एवं लूणी विधायक महेन्द्र विश्नोई ने राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तीसरे चरण के लिए राज्य मद से राशि देने एवं विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में विद्युत तंत्र की मजबूती के लिए जीएसएस स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी सुधांश पंत ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तीसरे चरण का कार्य पूरा होने पर जोधपुर, बाड़मेर तथा पाली जिले के 5 कस्बों एवं 2,104 गांवों की 75 लाख आबादी की वर्ष 2051 तक पेयजल की जरूरतें पूरी होंगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए जायका से ऋण मिलने में देरी होने पर 1,454 करोड़ रूपये की राज्य मद एवं जल जीवन मिशन (शहरी) से वित्त पोषण की स्वीकृति दी गई है। परियोजना को मार्च 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जोधपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत 74 गांव एवं 518 ढाणियों में घरेलू कनेक्शन देने का काम चल रहा है। 120 गांवों में 32 हजार 37 घरेलू कनेक्शन के लिए प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी हो गई है। इसकी लागत 165 करोड़ 77 लाख रुपये है।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि जोधपुर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 40 करोड़ 46 लाख रूपए की लागत से 31 जीएसएस का लोकार्पण एवं बनाड़ में 220 केवी जीएसएस के शिलान्यास से जोधपुर जिले में विद्युत तंत्र सुदृढ़ होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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