भोपाल। मध्य प्रदेश के 40 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में शनिवार को साढ़े सात हजार करोड़ रुपये से अधिक पहुंचेंगे। खरीफ 2020 और रबी 2021 के प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि राज्य सरकार एक साथ बीमा कंपनियों से किसानों के खातों में जमा कराएगी। पहली बार किसी भी किसान को एक हजार रुपये से कम बीमा राशि नहीं मिलेगी। इसके लिए नियम में संशोधन किया गया है। यदि बीमा राशि कम बनती है तो अंतर की राशि राज्य सरकार मिलाकर किसान को न्यूनतम एक हजार रुपये देगी। मुख्य कार्यक्रम शनिवार को बैतूल में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हिस्सा लेंगे। प्रदेश में पिछले दो साल से लाखों हेक्टेयर क्षेत्र की खरीफ की फसल अतिवर्षा के कारण प्रभावित हो रही है। राजस्व परिपत्र पुस्तक(आरबीसी) के प्रविधानों के अनुसार तो किसानों को आर्थिक सहायता सरकार ने दी थी पर प्रधानमंत्री फसल बीमा अभी तक नहीं मिला था। फसल नुकसान का आकलन कर राजस्व और कृषि विभाग द्वारा मिलान करने के बाद प्रस्ताव बीमा कंपनियों को भेजा गया था, जिसे परीक्षण के बाद अंतिम रूप दे दिया गया है।
16 हजार 750 करोड़ रुपये मिल चुका है फसल बीमा
वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद प्रदेश में 73 लाख 69 हजार 614 किसान लाभांवित हुए हैं। रबी सीजन 2019-20 तक किसानों को 16 हजार 750 करोड़ रुपये से अधिक बीमा राशि मिल चुकी है। सितंबर 2021 में खरीफ 2019 का फसल बीमा 20 लाख किसानों के खातों में चार हजार 688 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अंतरित किए थे।
बीमा राशि एक हजार से कम नहीं मिलेगी
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि इस बार नियम में संशोधन करके यह प्रविधान भी कर दिया है कि बीमा की राशि एक हजार रुपये से कम नहीं होगी। यदि किसी किसान की दावा राशि कम बनती है तो अंतर की राशि राज्य सरकार मिलाकर उसे न्यूनतम एक हजार रुपये का बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। अंतर की राशि राज्य सरकार अलग से उपलब्ध कराएगी। वनग्रामों के पट्टाधारक किसानों को भी पहली बार बीमा मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने योजना में प्रविधान कर दिया है।
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