भोपाल। बाजरा और धान की समर्थन मूल्य खरीदी में बिचौलियों की घुसपैठ के मामले सामने आने के बाद सरकार ने समर्थन मूल्य की व्यवस्था में बदलाव किया है। अब किसानों के गेहूं के खेत आधार कार्ड से लिंक किए जा रहे हैं। बिना आधार के जमीन मालिक किसान या खेतों को बटाई पर लेने वाला किसान भी गेहूं को समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाएगा। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों के पंजीयन 25 जनवरी से शुरू हो गए हैं। इस बार पंजीयन के साथ ही गेहूं की खेती को आधार से लिंक करना शुरू कर दिया है। जो किसान पंजीयन कराने आ रहे हैं उसे खसरा-खतौनी के साथ आधार कार्ड लाना अनिवार्य है। जो किसान दूसरों के खेत बटाई पर लेकर फसल करते हैं, उन्हें 500 रुपये के स्टांप पर मालिक से जमीन बटाई का अनुबंध बनवाना पड़ेगा। यह अनुबंध तहसील में जमा कराना होगा और सत्यापन होने के बाद बटाईदार किसान का पंजीयन होगा। पंजीयन के लिए बटाईदार किसान को जमीन मालिक का आधार कार्ड भी देना होगा। अप्रैल में जब गेहूं की खरीदी शुरू होगी तब किसानों को खरीद केंद्र पर गेहूं तुलवाने से पहले आधार कार्ड दिखाना होगा। अफसरों का कहना है कि हो सकता है कि हर खरीद केन्द्र पर फिंगर मशीनें रखवाई जाएं, जिनमें आधार में दर्ज फिंगर प्रिंट व पंजीयन का मिलान करके ही गेहूं खरीदा जाएगा।
पहली बार महिला समूह करेंगे पंजीयन
इस साल समर्थन मूल्य खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन का काम स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपा गया है। सरकार ने 10 फीसद पंजीयन केंद्रों का जिम्मा महिला समूहों को दिया है। पंजीयन के एवज में महिला समूहों को कमीशन के तौर पर कुछ राशि सरकार द्वारा दी जाएगी।
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