- लौटते मानसून की बारिश से बर्बाद हो गई फसलें-पकी पकाई सोयाबीन के खेतों में भरा है पानी
- उज्जैन जिले के अधिकतर ग्रामीण इलाकों के खेत तालाब बने-काटकर रखी सोयाबीन की फसल भी हुई खराब
उज्जैन। लौटते मानसून की बारिश के कारण सबसे ज्यादा परेशानी और नुकसान किसानों को हुआ है उज्जैन जिले के कई ग्रामीण इलाकों में खेतों की हालत यह है कि वह तालाब नजर आ रहे हैं पानी भरे खेत में जाना भी किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है।
भारी बारिश ने जहाँ मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में कहर ढाया, वहीं उज्जैन जिले में भी किसानों की सोयाबीन की फसल बर्बाद कर दी। किसान कुछ नहीं कर पा रहे। पकी हुई फसल पर लगातार हो रही वर्षा के बाद अब चारों और पानी ही पानी हो गया। खेतों ने तालाब का रूप ले लिया है। ऐसे में किसान परेशान होता नजर आ रहा है। तेज बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को ही है। चाहे फसल कटकर खेत में पड़ी हो या फिर खलिहान में सड़ती नजर आ रही है। किसान अपनी फसल बचाने के लिए हर एक प्रयास कर रहा है। बारिश से सोयाबीन और दहलन किसानों को नुकसान के साथ कटाई भी प्रभावित हुई है। माकड़ोन रूपाखेड़ी में हुई भारी बारिश के चलते कई गांव में सोयाबीन और मूंग की फसल को नुकसान पहुँचा है। कई ग्रामों में तो कटाई के बाद खेतों में सूखने के लिए रखी फसल ही बह गई है। जबकि जिन जगहों पर कटाई नहीं हुई थी, वहाँ पूरी फसल पानी में डूब गई है जिससे फसल के सडऩे और फफूंद लगने का खतरा बढ़ गया है। सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर परेशान क्षेत्र के किसानों के सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। सोयाबीन की कटाई शुरू होते ही प्रदेश में हो रही बारिश किसानों की परेशानी का कारण बनी हुई है। जिन जगहों पर कटाई नहीं हुई थी, वहाँ पूरी फसल पानी में डूब गई है। किसान के ट्रैक्टर ट्राली खेत में फंस गए बड़ी मुश्किल से ट्रैक्टर निकाले गए, ट्राली फंसी पड़ी है।