इंदौर। एमपीआईडीसी द्वारा जहां पीथमपुर सेक्टर-7 के अलावा इंदौर-पीथमपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर सहित कई अन्य प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं, जिसके चलते हजारों एकड़ जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। कल धार के पुलिस बल प्रशासन के साथ जमीनों का कब्जा लेने पहुंचे दल को किसानों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल खड़ी फसलों पर भी अफसरों ने बुलडोजर चलवा दिए, जिससे आक्रोशित किसानों ने सरकार को जमकर कोसा भी।
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आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी जिले के आला अधिकारी, मध्यप्रदेश डेवलपमेंट के अधिकारी पुलिस के साथ किसानों की जमीन पर मिट्टी की जांच करने पहुंचे थे। प्रशासन की मौजूदगी का पता लगते ही बड़ी संख्या में किसान अपने परिवार के साथ अपने खेतों पर पहुंच गए थे। अधिकारियों को मिट्टी परीक्षण करने से रोक दिया था। किसानों का कहना था कि, प्रशासन लिख कर दे कि मिट्टी टेस्टिंग प्रक्रिया को कब्जा नहीं माना जाएगा। उस समय भी अधिकारियों और किसानों के बीच लंबी बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका था।
बीते कई दिनों से इंदौर-मालवा और आसपास के क्षेत्रों के किसान लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके द्वारा महापंचायतें भी आयोजित की जा रही हैं। पूर्व जनपद सदस्य और किसान नेता हंसराज मंडलोई ने आरोप लगाया कि अंग्रेजों की तरह सरकार व्यवहार कर रही है और भारी-भरकम पुलिस बल, बुलडोजर के साथ किसानों की जमीन पर कब्जा करने के लिए कल पहुंचे और यहां तक कि खड़ी फसलों को भी रौंद दिया गया। जबकि किसानों ने मांग की कि कम से कम फसलों की कटाई तो कर लेने दी जाए। उनका कहना है कि एक तरफ प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री किसानों की बेहतरी के लिए भाषण देते हैं, दूसरी तरफ अफसर मनमाने तरीके से जमीनों को कब्जा करने में जुटे हैं। इंदौर-बुधनी रेल लाइन, आउटर रिंग रोड के अलावा औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर और उसके आसपास जो जमीनें अधिग्रहित की जा रही है उसका भी विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें पीएम मेगा पार्क का विशाल प्रोजेक्ट भी शामिल है। कल एमपीआईडीसी ने धार प्रशासन के सहयोग से जमीनों का कब्जा लेना शुरू किया। मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को किसानों के विरोध का सामना भी करना पड़ा और किसानों ने फोटो-वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया पर जारी करते हुए इसे किसानों के साथ अन्य और दबाव बताया गया।
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