चंडीगढ़ । पंजाब और हरियाणा के सैकड़ों किसानों ने शनिवार को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च निकाला और चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बैरिकेड्स तोड़ (break barricades) दिए। इस दौरान पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।
किसानों ने 26 जून को तीन केंद्रीय कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर पंजाब और हरियाणा राजभवनों की ओर मार्च करने और एक ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई थी। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को पंजाब और हरियाणा राजभवन की ओर जाने से रोकने के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh) और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मोहाली और पंचकूला से आने वाले किसानों को चंडीगढ़ की ओर जाने से रोकने के लिए कई जगहों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे।
हालांकि मोहाली की ओर से आ रहे आंदोलनकारी किसान पानी की बौछार का सामना करते हुए चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स के जरिए जबरदस्ती चंडीगढ़ में घुस गए।
इससे पहले, पंजाब के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में किसान पंजाब के गवर्नर हाउस की ओर बढ़ने से पहले मोहाली के गुरुद्वारा अम्ब साहिब में एकत्रित हुए। हरियाणा (Haryana) के कई हिस्सों के किसान भी हरियाणा के पंचकूला में गुरुद्वारा नाडा साहिब में एकत्र हुए और हरियाणा राजभवन की ओर चल पड़े।
पंचकूला में किसानों ने बैरिकेड्स से अपना रास्ता बनाया, लेकिन उन्हें चंडीगढ़ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई वे चंडीगढ़-पंचकुला सीमा पर रुक गए, जहां हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन और ट्रक तैनात किए थे।
मोहाली की ओर से आने वाले किसानों का नेतृत्व किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने किया, जबकि हरियाणा की ओर से बीकेयू (चादुनी) के नेता गुरनाम सिंह चादुनी और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने हरियाणा की ओर से प्रदर्शन किया।
राजेवाल ने पंजाब (Punjab) के राज्यपाल को देने के लिए चंडीगढ़ के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसी तरह गुरनाम सिंह चादुनी और योगेंद्र यादव ने एक अन्य अधिकारी को ज्ञापन देकर हरियाणा के राज्यपाल को सौंपने को कहा।
गैंगस्टर से कार्यकर्ता बने लाखा सिधाना, जिन पर गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज किया गया था, ने भी किसानों के विरोध कार्यक्रम में भाग लिया।
इससे पहले गुरुद्वारा अंब साहिब में सभा को संबोधित करते हुए, राजेवाल ने तीन कृषि कानूनों को लेकर मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की खिंचाई की और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का इरादा कॉरपोरेट घरानों को “खेती सौंपना” है। हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, जो गुरुद्वारा नाडा साहिब में मौजूद थे, ने कहा कि कृषि कानून किसान समुदाय को “नष्ट” कर देंगे।
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