नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है। सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर चुके किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। इसी बीच किसानों ने अब चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया है। बॉर्डर पर लगे बैरिकेड को खोल दिया गया है और यहां पहले की तरह ही आवाजाही शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट करने के बाद किसान संगठनों ने बॉर्डर खोलने पर सहमति जताई थी। इसके बाद शनिवार देर रात बॉर्डर खोल दिया गया।
किसानों की ओर से आंदोलन और तेज करने तथा जयपुर-दिल्ली एवं दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। किसानों का कहना है कि रविवार को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग को अवरुद्ध करने के लिए हजारों किसान एक ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
किसानों ने कहा है कि हमने सरकार से साफ कह दिया है- कानून रद्द करना होगा, संसोधन मंजूर नहीं। सरकार यही कहती रही कि ये कानून किसान की भलाई के लिए है, लेकिन असल में ये कानून ट्रेडर, कॉर्पोरेट घरानों के लिए बनाए गए हैं। कृषि मंत्री बैठक में मान रहे हैं कि कमियां हैं, जबकि मीडिया में बयान देते हैं कि किसानों को भ्रम हो गया है। इस दोहरे चेहरे के बाद सरकार संसोधन करने की बात करती है, लेकिन हमे संसोधन मंजूर नहीं है।
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