जींद। किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tiket) द्वारा खड़ी फसल जलाने के बयान का हरियाणा (Hariyana) के जींद जिले के कई गांवों में असर देखने को मिल रहा है। जिले के गुलकनी और राजपुरा (Rajpura) गांव में कई किसानों ने अपनी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है। किसानों का कहना है कि अपने खुद के खाने लायक फसल को छोड़ बाकि पर उन्होंने ट्रैक्टर चला दिया है।
किसानों का कहना है कि अगर फसल ज्यादा बच जाती है तो वो मंडियों में बेचने की बजाय उसका स्टॉक करेंगे। किसानों का यह भी कहना कि कानून (Kanun) रद्द होने तक वो अगली फसल की बिजाई नहीं करेंगे। अब किसान सिर्फ अपने लिए ही सब्जी और अनाज उगाएगा। पिछले दिनों राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार मांगें नहीं मानती है, तो किसान अपनी फसलें जला देंगे। उनके इसी बयान के बाद किसानों ये कदम उठाया है। किसानों का कहा है कि राकेश टिकैत जो भी कहेंगे, उनका पालन किया जाएगा।
किसानों का कहना है कि फसल पकने के बाद जलाते तो सरकार उन्हें कानूनी दांव-पेंच में उलझा सकती है। जुर्माना लगा सकती है और मामले दर्ज करवा सकती है। आग लगाने से प्रदूषण भी फैलता है, लेकिन खड़ी फसल की जुताई करने से सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती और फसल को खेत में काट कर मिलाने से हरी खाद मिलेगी जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी। बता दें कि इन घटनाओं के बाद राकेश टिकैत ने किसानों से अपील करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि किसानों से अपील है कि ऐसा मत करें। यह करने के लिए नहीं कहा गया था।
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