इंदौर। बीते कई दिनों से जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों ने अब चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है और गांव-गांव जाकर प्रभावित ग्रामीणों और किसानों से बहिष्कार के संबंध में हस्ताक्षर भी करवा रहे हैं। किसानों का कहना है कि अब आर और पार की लड़ाई लड़ेंगे। ये किसान आउटर रिंग रोड, इंदौर-बुधनी रेल लाइन से लेकर पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के लिए ली जा रही जमीनों के अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेताओं से तो इन्हें राहत नहीं मिली। अलबत्ता कांग्रेस नेताओं ने जरूर आश्वासन दिए है और न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी से भी इन किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की थी।
पूर्व जनपद सदस्य एवं किसान नेता हंसराज मंडलोई, बागली विधानसभा क्षेत्र के प्रभावित किसान नेता हेमराज पाटीदार एवं धर्मेंद्र सिंह दरबार ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन बैतूल करनावद इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं आउटर रिंग रोड पूर्वी एवं पश्चिम के साथ पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र लॉजिस्टिक्स पार्क के किसान कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं एवं बिजवाड़ चौराहे पर लगातार 3 महीनों से कडक़ड़ाती ठंड के साथ बेमौसम बारिश का मुकाबला करते हुए 43 डिग्री गर्मी में भी धरना प्रदर्शन करने के साथ भूख हड़ताल कर रहे हैं, परंतु इसके बाद में भी सरकार में बैठी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है तो कांग्रेस पार्टी के डरपोक नेता सरकार के डर के मारे किसानों के साथ खड़े नहीं हो पा रहे हैं।
आंदोलन के दौरान पिछले 7 महीनों से हमने भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी के नेताओं को घेराव करके उनके हाथ पैर जोडक़र सभी प्रकार से निवेदन किया एवं प्रभावित किसानों की मांगों के संबंध में चर्चा की, परंतु सभी पार्टियों के नेता मुंह में राम बगल में छुरी वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए दोगले निकल गए एवं किसानों के साथ मीठी-मीठी बातें करते हुए सिर्फ कोरे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं किया। किसान नेताओं ने आगे कहा कि हमारा दोनों राजनीतिक पार्टियों के ऊपर से विश्वास उठ गया है, इसलिए हम हमारे आंदोलन के अगले चरण में 13 मई को होने वाले लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
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