अंबाला: हरियाणा के अंबाला में किसान आंदोलन के चलते बीते 5 महीने से दिल्ली-अमृतसर हाइवे बंद पड़ा है. हरियाणा-पंजाब की सीमा को अलग-अलग करने वाली घग्गर नदी के एक किनारे पर किसान तो दूसरे पर पैरा मिलिट्री फ़ोर्स डटी हुई है. ऐसे में रोजमर्रा के कार्यों और नौकरी पर आने-जाने वाले लोगों घग्गर नदी के किनारे बने कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. लेकिन बुरी खबर यह है कि ये रास्ते भी अब बंद होने वाले हैं. इस वजह से लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई है.
दरअसल, पंजाब हरियाणा और हिमाचल में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है और ऐसे में बारिश हो रही है. बारिश के चलते घग्गर नदी में पानी बढ़ेगा और पुल और आसपास के कच्चे रास्ते बंद हो जाएंगे. ग्रामीण मनप्रीत सिंह ने बताया कि इन रास्तों से हर रोज नौकरी के लिए लोग आते जाते हैं. लेकिन अब लोगों को भी भय सता रहा है कि अगर बारिश के बाद घग्गर नदी में पानी आया तो ये लोग नौकरी के लिए कैसे जाएंगे.
हरियाणा से पंजाब जाने के लिए यूं तो कई अन्य पक्के हाइवे भी हैं, लेकिन अंबाला और शम्भू के नजदीकी गांव और आसपास के इलाकों से दोनों तरफ आने-जाने के लिए लोग कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करते हैं. यदि दूसरे रास्ते से लोग जाएंगे तो उन्हें 40 से 50 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ेगा. एसपी अंबाला सुरेंद्र सिंह ने बताया कि यह गंभीर मुद्दा है. उन्होंने कहा कि मामले का समाधान निकाला जाएगा. उन्होंने हाल ही में ज्वाइन किया और सारी जानकारी मांगी है.
गौरतलब है कि किसान और सरकार की खींचतान में आम जनता पिसती हुई नजर आ रही है. किसान आंदोलन का असर अंबाला के बाजारों पर पड़ रहा है और बाजार पूरी तरह प्रभावित है. व्यापारियों ने हाल ही में धरनास्थल पर जाकर विरोध भी जताया था. बुधवार को सुबह अंबाला के कई बाजार विरोध में 4 घंटे तक बंद रहे. व्यापारियों ने मांग की है कि शम्भू बार्डर खोला जाए, क्योंकि इस वजह से उनके व्यापार पर असर पड़ रहा है.
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