नई दिल्ली। केंद्र द्वारा पारित नए कृषि कानूनों (Agricultural laws) को लेकर पिछले साल नवंबर (November) से प्रदर्शन (Protest) कर रहे किसान गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पहुंचे और इस कानून के खिलाफ अपना आंदोलन तेज किया (Accelerated the movement) । केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान नारे लगाते हुए धरना स्थल पर पहुंचे।
किसान उन बसों में पहुंचे, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने कोविड के नियमों का पालन करते हुए समग्र सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एस्कॉर्ट किया था। जंतर-मंतर के आसपास गुरुवार सुबह से ही पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती देखी गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोविड के उचित व्यवहार को बनाए रखते हुए किसानों को ‘किसान संसद’ आयोजित करने की मंजूरी दे दी है।
दिल्ली पुलिस ने 22 जुलाई से 9 अगस्त तक केवल 200 किसानों को धरना स्थल पर इकट्ठा होने की अनुमति दी है।
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए जंतर-मंतर के आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा तैनात की गई है, जो संसद से कुछ ही मीटर की दूरी पर है। किसान तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में ‘किसान संसद’ आयोजित करने वाले हैं। जंतर-मंतर के पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
आरएएफ और सीआरएफ सहित केंद्रीय बलों के साथ दिल्ली पुलिस को व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है, क्योंकि किसानों के यहां पहुंचने का सिलसिला जारी है।
कोविड -19 मानदंडों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बुधवार को किसानों को उचित कोविड प्रबंधन सुरक्षा के साथ जंतर-मंतर पर इकट्ठा होने की अनुमति दी थी।
डीडीएमए की मंजूरी के अनुसार, किसानों को 22 जुलाई से 9 अगस्त तक जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 लोगों की उपस्थिति में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति होगी।
आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर और दिल्ली की तीन सीमाओं- टिकरी, सिंघू और गाजीपुर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कोविड -19 नियमों का पालन करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति है।
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